पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी ने चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर चेतावनी जारी की है. खुफिया एजेंसी को आशंका है कि इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्रांत चैंपियंस ट्रॉफी में शामिल होने वाले विदेशियों का अपहरण करने की साजिश रच रहा है. इसके बदले वह फिरौती मांगेगा. सूत्रों का कहना है कि ये वही आतंकी संगठन है, जो चीनी और अरबी नागरिकों को निशाना बना रही है.
खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट हवाईअड्डों, कार्यालयों और इन देश के मेहमानों पर नजर रख रहा है. इस्लामिक स्टेट के लड़ाके पाकिस्तान के ऐसे इलाकों में घर लेने की फिराक में हैं. जो सीसीटीवी की निगरानी से दूर हो और जहां सिर्फ बाइक या ई-रिक्शा से ही जाया जा सकता हो. ऐसा करने के पीछे आतंकी संगठन का मकसद है कि वह किडनैपिंग के बाद शख्स को सुरक्षाबलों से छिपाकर यहां रख सके.
श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर भी हुआ हमला
पाकिस्तान में विदेशी नागरिकों के खिलाफ हमले होते रहे हैं. जैसे साल 2024 में पाकिस्तान के शांगला में चीनी इंजीनियरों पर 2024 में हमला हुआ था. वहीं, 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हमला हो गया था, जिसकी दुनिया भर में खूब निंदा की गई थी. इस वजह से अन्य देशों में पाकिस्तान में मैच खेलने का बॉयकॉट कर दिया था. आईसीसी के कोई भी बड़े मैच इसी वजह से वर्षों तक पाकिस्तान में नहीं हुए.
क्रिकेट के खिलाफ है आतंकी संगठन
2024 में आईएस से जुड़े एक संगठन ने 19 मिनट का वीडियो जारी किया था. वीडियो में उन्होंने दावा किया कि क्रिकेट मुस्लिमों के खिलाफ बौद्धिक युद्ध में पश्चिम का उपकरण है. समूह ने तर्क दिया कि खेल राष्ट्रवाद को बढ़ावा देता है. इस्लाम की जिहादी विचारधारा के उलट है. अफगानिस्तान की क्रिकेट टीम का समर्थन करने के कारण आईएस ने तालिबान की भी आलोचना की.
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भारत ने पाकिस्तान को दी करारी हार
बता दें, पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉपी के नौवें संस्करण की मेजबानी कर रहा है. टूर्नामेंट की शुरुआत में पाकिस्तान को काफी संघर्ष करना पड़ा. 2017 में जीत दर्ज करने वाली टीम ने दो मैच गंवा दिए हैं. एक दिन पहले, भारत और पाकिस्तान के बीच भिड़ंत हुई. इस मैच में भी पाकिस्तान को हर बार की तरह हार का सामना करना पड़ा.