US: ‘अमेरिका हो या चीन, भारत को कोई भी अनदेखा नहीं कर सकता’, वाशिंगटन में दहाड़ीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में दुनिया भर के देशों के सामने मजबूती से भारत का पक्ष रखा. उन्होंने विश्व बैंक के मंच से भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को दिखाया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में दुनिया भर के देशों के सामने मजबूती से भारत का पक्ष रखा. उन्होंने विश्व बैंक के मंच से भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को दिखाया.

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Jalaj Kumar Mishra
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Nirmala Sitharaman in US

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भारत की वित्त मंत्री इन दिनों अमेरिका में हैं. सीतारमण ने अमेरिका की राजधानी में आयोजित विश्व बैंक की अंतरराष्ट्रीय वार्षिक बैठक 2024 के दौरान हुए  एक पैनल चर्चा में हिस्सा लिया. इस दौरान, उन्होंने वैश्विक मंच पर जमकर भारत का पक्ष रखा और बताया कि कैसे दुनिया भर के लिए भारत एक अहम देश है. 

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सीतारमण ने कहा कि भारत दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया में हर छह में से एक व्यक्ति भारतीय है. दुनिया भारत की अर्थव्यवस्था को नजरअंदाज नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि चाहे अमेरिका हो, जो भारत से कोसों दूर है या फिर चीन, जो भारत से सीमा साझा करता हो, कोई भी देश भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता है.

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हमें भारत का प्रभुत्व थोपना नहीं है 

सीतारमण ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार कहा था कि भारत की प्राथमिकता है कि हमें अपना प्रभुत्व थोपना नहीं है.  हमारे पास दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है. हमें अब इसके प्रभाव को बढ़ाना है. हम अपना प्रभाव इसलिए बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि दुनिया का हर छठवां व्यक्ति भारत का है. हमारी अर्थव्यवस्था जिस प्रकार से बढ़ रही है, आप इसे अनदेखा नहीं कर सकते हैं. 

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हमने शांतिपूर्ण नीतियों का समर्थन किया

सीतारमण ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि हमने रणनीतिक और शांतिपूर्ण बहुपक्षवाद की नीतियों का समर्थन किया है. भारत हमेशा बहुपक्षीय संस्थाओं के साथ खड़ा है. हम किसी भी बहुपक्षीय संस्था को कमजोर नहीं बनाना चाहते थे. हालांकि, धीरे-धीरे ऐसा लगने लगा है कि बहुपक्षीय संस्थाओं से बनी उम्मीदें और अपेक्षाएं अब खत्म हो रही हैं. हमें लगता है कि बहुपक्षीय संस्थाओं से कोई भी समाधान नहीं निकल रहा है. 

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केंद्रीय वित्त मंत्री ने वैश्विक मंच से जोर देते हुए कहा कि वैश्विक भलाई के लिए अब बहुपक्षीय संस्थाओं को खुद को मजबूत करना होगा. सीतारमण ने कहा कि भविष्य को संवारना एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है. 

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