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तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनेंगे शी जिनपिंग, मिल सकती है माओ के बराबर की पदवी 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही तीसरी बार राष्ट्रपति नामित होने जा रहे हैं. बीजिंग में सोमवार यानी आज से शुरू हुई बैठक में कई आहम निर्णय लिये जा सकते हैं.

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Pradeep Singh
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XI JINPING

शी जिनपिंग, राष्ट्रपति, चीन( Photo Credit : News Nation)

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दुनिया की महाशक्तियों के बीच चीन का दबदबा है. चीन का आर्थिक साम्राज्य और सैन्य ताकत अमेरिका, रूस जैसे महाबली राष्ट्रों को मुंह चिढ़ाता है. विश्व के कूटनीतिक मंच पर भी चीन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विश्व के तमाम देश चीन से खौफ खाते हैं. दुनिया में चीन का यह रूतबा राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कुशल नेतृत्व की बदौलत है. यही कारण है कि शी जिनपिंग और चीन दिनोदिन सफलता के शिखर पर चढ़ते जा रहे हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही तीसरी बार राष्ट्रपति नामित होने जा रहे हैं. बीजिंग में सोमवार यानी आज से शुरू हुई बैठक में कई आहम निर्णय लिये जा सकते हैं. यह बैठक 11 नवंबर तक चलेगी.
 
चीन के साम्यवादी सरकार में एक से बढ़कर एक नेता हुए. लेकिन हाल के दिनों में कोई भी चीनी नेता शी जिनपिंग की तरह चीन के इतिहास में वैसी जगह नहीं बना पाया है. सोमवार को बीजिंग में शुरू हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में पार्टी के 100 साल के इतिहास का आधिकारिक तौर पर पुनर्मूल्यांकन करने वाला एक संकल्प जारी किया जाएगा. जिसके बाद शी जिनपिंग को  माओत्से तुंग और देंग शियाओपिंग के बाद चीन का एक युगांतरकारी नेता घोषित किया जा सकता है. 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही तीसरे कार्यकाल के लिए नामित होने वाले हैं. अगले हफ्ते सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के एक महत्वपूर्ण सम्मेलन में 100 साल पुरानी पार्टी के ऐतिहासिक अनुभव के साथ उपलब्धियों पर एक प्रस्ताव पारित किया जा सकता है. इस अवसर पर कम्युनिस्ट पार्टी का आधिकारिक इतिहास को नए ढंग से लिखा गया है. पार्टी की जीवनी लिखने वाले इतिहासकारों ने भी जिनपिंग के रिटायरमेंट का कोई संकेत नहीं दिया है. दशकों में देश में हुए विकास का जश्न मनाने के लिए पूरे चीन में कई प्रदर्शनियों और संग्रहालयों को भी सजाया गया है.

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जिनपिंग को चीन में व्यापक जनसमर्थन 68 साल के शी जिनपिंग इस दशक में चीन के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे हैं. उन्होंने देश में फैले भ्रष्टाचार और गरीबी के खिलाफ निर्णायक काम भी किया है. चीन की ताकत को दुनिया के सामने पेश करने के लिए शी जिनपिंग को व्यापक जनसमर्थन भी मिला है. इसके बावजूद पार्टी में उनके खिलाफ काम करने वाले नेता कोरोना वायरस महामारी और अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंधों को लेकर जिनपिंग पर निशाना साध सकते हैं.

जिनपिंग के खिलाफ बोलना भी बनेगा अपराध युगांतकारी नेता घोषित होने के बाद शी जिनपिंग के खिलाफ बयानबाजी को चीन में अपराध की श्रेणी में डाला जा सकता है. ऐसे में उनके खिलाफ उठी हर आवाज को दबा दिया जाएगा. कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली में शी जिनपिंग को हीरो की तरह चित्रित किया जा रहा है. कई लेखों में उन्हें चीन को कोरोना के कहर से बचाने वाला बताया गया है. उन्हें देश को आर्थिक संकट से निकालने और अमेरिका के खिलाफ मजबूती से खड़े रहने को लेकर भी खूब प्रशंसा की गई है.

माओ और देंग से हो रही जिनपिंग की तुलना पार्टी की बैठक में पेश होने वाले प्रस्ताव में कहा गया है कि माओ ने देश को दमन के खिलाफ खड़ा करने का नेतृत्व किया, देंग ने समृद्धि लाई, और अब शी राष्ट्र को राष्ट्रीय ताकत के एक नए युग में ले जा रहे हैं. 

शी जिनपिंग से पहले रहे सभी राष्ट्रपति पांच साल के दो कार्यकाल या 68 साल की आयु होने के अनिवार्य नियम के बाद सेवानिवृत्त हो चुके हैं. हालांकि 2018 में संविधान में हुए एक अहम संशोधन के मद्देनजर शी को तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने की संभावना है. सीपीसी की अगले साल होने वाली कांग्रेस से पहले पूर्ण सत्र आयोजित किया जा रहा है. कांग्रेस में नये नेता की नियुक्ति हो सकती है. शी को छोड़कर पार्टी के अन्य सभी पदाधिकारी दो कार्यकाल पूरा होने के बाद सेवानिवृत्त हो सकते हैं जिनमें प्रधानमंत्री ली क्विंग भी शामिल हैं.

HIGHLIGHTS

  • चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही तीसरे कार्यकाल के लिए नामित होने वाले हैं
  • बीजींग में सोमवार से बैठक शुरू, 11 नवंबर तक चलेगी बैठक
  • चीन में राष्ट्रपति पांच साल के दो कार्यकाल या 68 साल की आयु में हो जाते हैं सेवानिवृत्त  

 

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