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ईशनिंदा( Photo Credit : News Nation)
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अनिका अतीक पर तीन आरोप सही सिद्ध हुए हैं. पहला- मोहम्मद साहब की अवमानना, दूसरा- इस्लाम का अपमान और तीसरा- साइबर कानूनों का उल्लंघन.
ईशनिंदा( Photo Credit : News Nation)
पाकिस्तान में एक बार ईशनिंदा फिर चर्चा में है. रावलपिंडी (Rawalpindi) की अदालत ने महिला को ईशनिंदा (Blasphemy) यानी इस्लाम का अपमान करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई है. आरोपी महिला का नाम अनिका अतीक है. उनके खिलाफ 2020 में ईशनिंदा (Blasphemy) मुकदमा दर्ज कराया गया था. अदालत ने शिकायतकर्ता फारूक हसनात की शिकायत पर बुधवार को यह फैसला सुनाया है. अनिका अतीक पर तीन आरोप सही सिद्ध हुए हैं. पहला- मोहम्मद साहब की अवमानना, दूसरा- इस्लाम का अपमान और तीसरा- साइबर कानूनों का उल्लंघन. अनिका और फारूक पहले दोस्त हुआ करते थे. लेकिन किसी बात पर उनका झगड़ा हो गया. तभी गुस्से में अनिका ने फारूक को वॉट्सऐप (WhatsApp) मोहम्मद साहब और इस्लाम की अवमानना वाले संदेश भेजे थे.
फारूक ने पहले अनिका से अपनी गलती के लिए माफी मांगने के लिए कहा था. साथ ही, अपने सभी वॉट्सऐप मैसेज (WhatsApp Message) डिलीट करने के लिए भी कहा. लेकिन जब वह नहीं मानीं तो फारूक ने शिकायत दर्ज करा दी. इसकी जांच में अनिका के खिलाफ शिकायत सही पाई गई. लिहाजा, अदालत में केस दर्ज करा दिया गया.
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गौरतलब है कि पाकिस्तान (Pakistan) में ईशनिंदा कानून (Blasphemy Law) बहुत सख्त है. सैन्य तानाशाह जनरल जिया-उल-हक (Zia-ul-haq) ने 1980 के दशक में यह कानून देश में लागू किया था. पाकिस्तान (Pakistan) में ईशनिंदा (Blasphemy) के संदेह में लोगों के मारे जाने की घटनाएं भी लगातार सामने आती रहती हैं. पिछले साल ही श्रीलंका के एक नागरिक को ऐसे ही आरोप के संदेह में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था. मारे गए श्रीलंकाई नागरिक सियालकोट में काम करते थे.
बीते दिसंबर में ही पाकिस्तान (Pakistan) के चारसद्दा जिले के रहने वाले बशीर मस्तान नामक व्यक्ति को ईशनिंदा (blasphemy) का दोषी ठहराया है. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की अदालत ने इंटरनेट पर वीडियो अपलोड कर ईशनिंदा करने का आरोप लगाते हुए उसे मौत की सजा सुनाई है. साथ ही, उस व्यक्ति पर 100,000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया गया था.