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लंदन में तुर्की और पाक की गंदी साजिश, कश्मीर पर भारत के खिलाफ शिकायत

यह लॉ फर्म तुर्की के अधिकारियों से जुड़ी है. पाकिस्‍तान से समर्थन पाकर उसकी ओर से ही काम कर रही है. ब्रिटेन के किसी प्राधिकरण ने पुलिस शिकायत के बारे में भारतीय उच्‍चायोग से संपर्क नहीं किया है.

Updated on: 20 Jan 2022, 02:28 PM

highlights

  • पाकिस्‍तान से समर्थन पाकर तुर्की से जुड़े लॉ फर्म ने की भारत की शिकायत
  • ब्रिटेन के किसी प्राधिकरण ने इस बारे में भारतीय उच्‍चायोग से संपर्क नहीं किया
  • पिछले साल इसी लॉ फर्म ने यूएई और सऊदी अरब के खिलाफ शिकायत की थी

नई दिल्ली:

ब्रिटेन की राजधानी लंदन में तुर्की से जुड़ी एक लॉ फर्म स्‍टोक वाइट इंटरनेशनल ने कश्‍मीर में कथित युद्ध अपराध का हवाला देते हुए भारत के गृहमंत्री अमित शाह और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की गिरफ्तारी की मांग की है. लंदन पुलिस को उस फर्म ने कथित रूप से कश्‍मीर में रहने वाले दो हजार लोगों के बयान पर आधारित एक रिपोर्ट भी सौंपा है. इस रिपोर्ट को कश्मीरियों पर भारत की ओर से किए गए 'युद्ध अपराध' और 'हिंसा' का सबूत बताया जा रहा है. भारत के अधिकारियों का कहना है कि यह पाकिस्‍तान समर्थित प्रोपेगैंडा है. कश्‍मीर में हर तरह से मुंह खा चुके पाकिस्‍तान ने भारत को फंसाने के लिए एक और गंदी चाल चली है.

लंदन पुलिस की युद्ध अपराध की जांच करने वाली यूनिट के सामने तुर्की से जुड़ी लॉ फर्म ने भारतीय सेना, मंत्रियों और वरिष्‍ठ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है. फर्म ने लंदन पुलिस से इस मामले में जांच करने की मांग की है. दूसरी ओर इस बात की चर्चा जोरों पर हो रही है कि यह लॉ फर्म तुर्की के अधिकारियों से जुड़ी है. पाकिस्‍तान से समर्थन पाकर उसकी ओर से ही काम कर रही है. ब्रिटेन के किसी प्राधिकरण ने पुलिस शिकायत के बारे में भारतीय उच्‍चायोग से संपर्क नहीं किया है.

इस्लामिक कानूनों की विशेषज्ञता का दावा

इस मामले में एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने कहा कि इस रिपोर्ट को कोई जवाब देना बेवकूफी भरा कदम होगा. रिपोर्ट में कथित नरसंहार और मानवाधिकर उल्‍लंघनों का जिक्र है, लेकिन पाकिस्‍तान की ओर से बढ़ावा दिए जाने वाले सीमा पार आतंकवाद पर पूरी तरह से चुप्पी है. लॉ फर्म स्‍टोक वाइट इंटरनेशनल का इस्‍तांबुल और लंदन में दफ्तर हैं. इस्‍लामिक कानूनों में विशेषज्ञता रखने का दावा करने वाली यह लॉ फर्म का तुर्की से नजदीकी रिश्ता है. फर्म का दावा है कि कानून के दायरे में रहते हुए वह अपनी जांच यूनिट जनहित से जुड़े मामलों की जांच करवाती है.

सऊदी के खिलाफ भी याचिका दे चुका है ये फर्म

लॉ फर्म के बयान में कहा गया है कि उसने अपनी रिपोर्ट 'इंडिया वार क्राइम इन कश्‍मीर को मेट्रोपोल‍िटन पुलिस के युद्ध अपराध यूनिट को सौंपा है. साथ ही कश्‍मीर में अपराधों के लिए भारत के गृहमंत्री और सेना प्रमुख की गिरफ्तारी की की मांग की है. पिछले साल इसी लॉ फर्म ने यूएई और सऊदी अरब के खिलाफ यमन में युद्ध अपराध करने के लिए याचिका दाखिल की थी. सऊदी अरब का तुर्की के साथ तनाव जारी है. इसी लॉ फर्म ने तुर्की के लोगों के लिए अंकारा समझौता कराया था जिससे हजारों की तादाद में तुर्की के नागरिक अब ब्रिटेन में रह रहे हैं. 

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इस्लामिक जगत में खलीफा बनना चाहता है तुर्की

जिनेवा कानून 1957 के तहत ब्रिटेन के पास युद्ध अपराधों की जांच के लिए वैश्विक न्‍याय अधिकार है. भारत के खिलाफ पाकिस्‍तान और तुर्की इसका फायदा उठाना चाहते हैं. पाकिस्‍तान लगातार तुर्की के साथ दोस्‍ती बढ़ा रहा है. इस्लामिक जगत में नया खलीफा बनने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन की महत्वाकांक्षा जगजाहिर है. इसके लिए तुर्की को पाकिस्तान की मदद चाहिए. इस एहसान के बदले तुर्की बार-बार कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की ओर से बयान देता रहता है. भारत की ओर से साइप्रस के मसले पर तुर्की को आज तक समर्थन भी नहीं मिल पाया है.