पाकिस्तान में 2023 का चुनावी बिगुल बजने से पहले क्यों की जा रही सेटेलाइट चैनल्स की बोलती बंद?
पकिस्तान की मीडिया पर नज़र रखने वाले
नई दिल्ली:
पकिस्तान की मीडिया पर नज़र रखने वाले "The Pakistan Electronic Media Regulatory Authority" (PEMRA) ने एक महीने के अंदर पाकिस्तान के तीन बड़े चैनल के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस प्रतिबंध का कारण उन्होंने गृह मंत्रालय की तरफ से सिक्योरिटी क्लीयरेंस ना मिलना बताया है. अभी पिछले सप्ताह बोल न्यूज़ और बोल एंटरटेनमेंट के प्रसारण को बंद कर दिया गया, उससे कुछ समय पहले ARY के प्रसारण को बंद कर दिया गया था. सरकार चाहे कुछ भी कारण जनता के सामने रखे, लेकिन इमरान खान लगतार सरकार पर हमलावर है. इमरान खान का कहना है कि इन न्यूज़ चैनल्स के प्रसारण पर प्रतिबंध उनकी कवरेज को रोकने के लिए लगाया गया है. PEMRA ने अपने एक बयान में कहा कि PEMRA ने गृह मंत्रालय के सभी रिकॉर्ड अदालती आदेश और नोटिस की समीक्षा की और तत्काल प्रभाव से बोल न्यूज़ और बोल एंटरटेनमेंट का लाइसेंस रद करने का फैसला लिया है.
आखिर क्यों पाकिस्तान सरकार छीन रही मीडिया की आजादी
अगर हम मीडिया की आजादी की बात करे तो World Press Freedom Index 2022 की एक रिपोर्ट के अनुसार पकिस्तान मीडिया की आज़ादी में साल 2021 के मुकाबले में गिरावट देखने को मिली है. साल 2021 में पकिस्तान World Press Freedom Index की रैंकिंग में 145 नम्बर पर था, जोकि इस साल गिरकर 157 नम्बर पर पहुंच चुका है. फ्रीडम नेटवर्क के अनुसार, मई 2021 से अप्रैल 2022 तक पकिस्तान में पत्रकारों और प्रेस पर अटैक और वोइलशन के कम से कम 86 मामले सामने आए हैं. पिछले साल ही पकिस्तान के एक जाने माने पत्रकार "हामिद मीर" ने पाकिस्तान की आर्मी के ख़िलाफ़ टिप्पणी कर दी थी जिस कारण उन्हें ऑफ एयर कर दिया गया और बाद में उन्हें माफ़ी मांगने के लिए भी मजबूर किया गया. इसके अलावा बहुत सारी मीडिया पर्सनालिटी को पकिस्तान की आर्मी और इंटेलिजेंस एजेंसी के द्वारा पाकिस्तान छोड़ने के लिए मजबूर किया जा चुका है और उन्हें अपना मुल्क छोड़ कर बाहर के मुल्क में शरण लेनी पड़ी है. देश से निकाले गए पत्रकारों में से एक पत्रकार है ताहा सिद्दीकी जिन्होंने हाल ही में पाकिस्तानी मीडिया के लिए एक ब्यान जारी किया. सिद्दीकी ने कहा कि पाकिस्तान में पत्रकार खतरे में हैं. वे अपहरण के खतरे में जी रहे हैं, वे हमले के खतरे में जी रहे हैं, अपनी नौकरी खो रहे हैं, वित्तीय प्रकार की ब्लैकमेलिंग हो रही है.
क्या इमरान खान की लोकप्रियता से खौफ खाते हैं शहबाज शरीफ?
बीते कुछ दिनों से पकिस्तान से जैसी खबरें सामने आ रही हैं, उनसे ऐसा लग रहा है जैसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ 2023 के चुनाव को नज़दीक आता देख कर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की लोकप्रियता से डर रहे हैं. पाकिस्तान की मीडिया रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लाइव भाषण के प्रसारण पर पाबंदी लगा दी है. पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के मुखिया पर यह प्रतिबंध इस्लामाबाद के एक पुलिस अधिकारी को और महिला मजिस्ट्रेट को इस्लामाबाद में रैली के दौरान धमकाने के चलते लगाया गया है. पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने कहा कि इमरान खान का सिर्फ रिकॉर्डेड भाषण ही प्रसारित करने की अनुमति है, जिससे कि एडिटोरियल नियंत्रण किया जा सके. PEMRA ने यह प्रतिबंध सभी सैटेलाइट चैनल्स पर लगाया है.
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