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पाकिस्तान (Pakistan) की एक विशेष अदालत ने पूर्व तानाशाह और राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ (Parvez Musharraf) को राजद्रोह के केस में फांसी की सजा सुनाई है. 76 वर्षीय मुशर्रफ पर तीन नवंबर 2007 को अतिरिक्त संवैधानिक आपातकाल लागू करने के आरोप हैं. पाकिस्तान की पीएमएल-एन सरकार ने उनके खिलाफ साल 2013 में यह मामला दर्ज किया था. इसके साथ ही वह संविधान को भंग करने और 2007 में आपात शासन लगाने के मामले में राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं. 31 मार्च, 2014 को परवेज मुशर्रफ को दोषी ठहराया गया था. मुशर्रफ उपचार के लिए मार्च 2016 में दुबई गए थे, लेकिन सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों से अब तक नहीं लौटे हैं. जानें परवेज मुशर्रफ पर क्या हैं आरोप, जिनके चलते उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई.
- 6 अक्तूबर 2007 को मुशर्रफ दूसरी बार राष्ट्रपति चुनाव जीते
- चुनाव जीतने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी
- 2 नवम्बर 2007 को सुप्रीम कोर्ट में मुशर्रफ के चुनाव नतीजे पर चर्चा हुई
- सुप्रीम कोर्ट कोई फैसला सुनाता इससे पहले ही 3 नवम्बर 2007 को मुशर्रफ ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी
- 7 अगस्त 2008 के दिन पाकिस्तान की नई गठबंधन सरकार ने परवेज मुशर्रफ पर महाभियोग चलाने का फ़ैसला किया
- मुशर्रफ के खिलाफ उनके 65 वें जन्मदिन 11 अगस्त 2008 पर संसद ने उन पर महाभियोग की कार्रवाई शुरू की
- पंजाब, बलूचिस्तान सहित चार प्रांतीय संसदों ने बहुमत से ये प्रस्ताव पारित किया कि या तो मुशर्रफ जाएं या फिर महाभियोग का सामना करें.
- इस्तीफा देने के दबाव के बीच 18 अगस्त 2008 को मुशर्रफ़ ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा देने की घोषणा की.
- मुशर्रफ इस दौरान पाकिस्तान में ही रहे और खुद के खिलाफ , बेनज़ीर केस , लाल मस्जिद केस , अकबर बुग्ती केस का सामना करते रहे
- मुशर्रफ के खिलाफ पकिस्तान में दिसंबर 2013 में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया
- इमरजेंसी लगाने के खिलाफ मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया
- मुशर्रफ ने धीमी न्याय प्रक्रिया का फायदा उठाते हुए मार्च 2016 में पाकिस्तान छोड़ दिया और दुबई चले गए
- बेनज़ीर हत्या केस में मुशर्रफ भगौड़ा क़रार, जब बेनजीर की हत्या की गई थी तब परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे, बेनजीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में नृशंस हत्या कर दी गई थी.
- हत्या के तत्काल बाद मामला दर्ज कर रावलपिंडी कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई
- पांचों संदिग्धों के खिलाफ मुख्य सुनवाई जनवरी 2008 में शुरू हुई
- मुशर्रफ के खिलाफ फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने जांच की
- एफआईए की जांच के बाद मुशर्रफ के खिलाफ 2009 में सुनवाई शुरू हुई
- रावलपिंडी कोर्ट ने टीटीपी के बैतुल्ला मेहसूद को बेनज़ीर की हत्या का जिम्मेदार ठहराया
- 2009 में पीपीपी सरकार ने मुशर्रफ के खिलाफ फिर से जांच के आदेश दिए
- एफआईए के जेआईटी ने मुशर्रफ को फिर से आरोपी बनाया
- सितम्बर 2017 में एंटी टेररिज्म कोर्ट ने मुशर्रफ को भगोड़ा करार दिया
- साज़िश में शामिल दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को 17 साल कैद की सजा सुनाई गयी
- लाल मस्जिद केस में मुशर्रफ के खिलाफ हत्या का केस
- मार्च 2015 में इस्लामाबाद की एक अदालत ने मुशर्रफ के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया
- मुशर्रफ पर लाल मस्जिद के मौलाना गाजी अब्दुल राशिद और उनकी पत्नी की हत्या की साजिश में शामिल रहने का आरोप है.
- पुलिस ने लाल मस्जिद में सैन्य कार्रवाई के दौरान हत्या के मामले में 2013 में मुशर्रफ के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
- मुशर्रफ पर उनके शासनकाल में 10 जुलाई, 2007 में लाल मस्जिद पर हुई सैन्य कार्रवाई के दौरान 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने का मामला दर्ज है
- मुशर्रफ पर अकबर बुग्ती की हत्या का भी आरोप था, जो बाद में बरी हो गए थे.
- बलूच नेता नवाब अकबर बुग्ती 26 अगस्त 2006 को बलूचिस्तान के कोहलू जिले के तरातबी के पहाड़ों पर बलूच विद्रोहियों के विरुद्ध सेना की कार्रवाई में मारे गये थे। जिसके बाद पकिस्तान में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ था.
- नवाब बुग्ती के पुत्र नवाबजादा जमील अकबर बुग्ती ने अपने पिता की हत्या मामले में परवेज मुशर्रफ के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
- अकबर बुग्ती की हत्या के मामले में जून 2013 में मुशर्रफ को गिरफ्तार कर लिया गया और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
- जनवरी 2016 में पाकिस्तान के क्वेटा की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने परवेज मुशर्रफ को नवाब अकबर खाँ बुग्ती की हत्या के आरोप से बरी कर दिया.
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