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गाजा के सबसे बड़े अस्पताल को WHO ने बताया मानव कब्रों वाला खाली खोल, जानें क्यों कही ये बात?

Israel Hamas war: इजराय और हमास के बीच चल रही जंग में अब तक 31 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल खंडहर बन चुका है.

Updated on: 07 Apr 2024, 09:44 AM

highlights

  • हमास और इजराइल के बीच जंग जारी
  • गाजा में अब तक 31 हजार से ज्यादा की मौत
  • खंडहर बना गाजा का अल-शिफा अस्पताल

नई दिल्ली:

Israel Hamas war: पिछले साल अक्टूबर में इजराय और हमास के बीच शुरू हुई जंग में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है. गाजा पट्टी में इजरायली हमलों से मानव बस्तियां खाली हो गई हैं और सैकड़ों इमारतें नेस्तनाबूद हो गई है. गाजा का सबसे बड़ा अल-शिफा अस्पताल भी इजरायली हमलों का शिकार हुआ है और अब ये खंडहर में तब्दील हो गया है. अल-शिफा अस्पताल की जर्जर स्थिति को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उसे मानव कब्रों वाला खाली खोल बताया है. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल, अल-शिफा, इजरायली घेराबंदी के कारण राख में तब्दील हो गया, जिसके मलबे में कई शब दबे हुए हैं और अब ये एक खाली खोल के रूप में बचा है.

खंडहर हुआ गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल

शनिवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल इजरायल की नवीनतम घेराबंदी से राख में तब्दील हो गया है, जिससे कई शवों के साथ एक "खाली खोल" निकल गया है. बता दें कि इज़रायली सेना दो सप्ताह के सैन्य अभियान के बाद सोमवार को गाजा शहर में अल-शिफ़ा अस्पताल से बाहर निकल गई, इस दौरान इजरायली सेना ने कहा कि उसने फ़िलिस्तीनी आतंकवादियों से लड़ाई की थी, जो कभी फ़िलिस्तीनी क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सा परिसर था.

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संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने बड़े पैमाने पर हुए विनाश का वर्णन करते हुए कहा कि 25 मार्च के बाद से कई असफल कोशिशों बाद, डब्ल्यूएचओ के नेतृत्व वाला मिशन आखिरकार शुक्रवार को अस्पताल पहुंच गया. एजेंसी के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्रेयसस ने अपने सोशल मिडिया हैंडल एक्स पर लिखा, "डब्ल्यूएचओ और साझेदार अल-शिफा तक पहुंचने में कामयाब रहे - जो कभी गाजा में स्वास्थ्य प्रणाली की रीढ़ थी, जो अब नवीनतम घेराबंदी के बाद मानव कब्रों के साथ एक खाली खोल है."

अस्पताल की ज्यादातर इमारतें नष्ट

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि उनकी टीम ने इस मिशन के दौरान कम से कम पांच शव देखे थे. इस दौरान टीम ने यह भी पाया कि "अस्पताल परिसर की अधिकांश इमारतें बड़े पैमाने पर नष्ट हो गई हैं और अधिकांश संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई है या राख में तब्दील हो गई है." उन्होंने कहा कि, "अल्पावधि में न्यूनतम कार्यक्षमता बहाल करना भी असंभव लगता है यह निर्धारित करने के लिए इंजीनियरों की एक टीम द्वारा गहन मूल्यांकन की जरूरत है कि क्या शेष इमारतें भविष्य में उपयोग के लिए सुरक्षित हैं".

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डब्ल्यूएचओ चीफ टेड्रोस ने अफसोस जताते हुए कहा कि पिछले साल अस्पताल पर इज़राइल के पहले विनाशकारी हमले के बाद अल-शिफा में बुनियादी सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए डब्ल्यूएचओ और अन्य सहायता समूहों द्वारा किए गए प्रयास अब बेकार हो गए हैं, और लोग एक बार फिर जीवनरक्षक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंच से वंचित हो गए हैं.

पिछले साल 7 अक्टूबर से शुरू हुई थी जंग

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, गाजा के 36 मुख्य अस्पतालों में से केवल 10 ही आंशिक रूप से कार्य कर रहे हैं. बता दें कि गाजा युद्ध 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा सीमा पार से किए गए हमले के बाद शुरू हुआ. हमास के इस हमले में दक्षिणी इज़राइल में 1,170 लोगों की जान गई थी. इनमें ज्यादातर इजराइली नागरिक शामिल थे. इसके साथ ही फ़िलिस्तीनी उग्रवादियों ने लगभग 250 लोगों को बंधक भी बना लिया था, जिनमें से लगभग 130 अभी भी गाजा में ही हैं. सेना का कहना है कि इनमें से 30 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

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गाजा में अब तक 31 हजार से ज्यादा मौतें

वहीं इजराइल की ओर से हमास के खात्मे के लिए गाजा पट्टी में किए गए हमले में अब तक कम से कम 33,137 लोगों की मौत हुई है. इनमें सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. टेड्रोस ने कहा कि गाजा में तत्काल कार्रवाई की जरूरत है क्योंकि "अकाल मंडरा रहा है, बीमारी फैल रही है और आघात की चोटें बढ़ रही हैं". उन्होंने गाजा में शेष स्वास्थ्य सुविधाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य और मानवीय कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के साथ युद्धविराम की मांग की है.