पाकिस्तान के मदरसों में क्या पढ़ाया जाता है, कहां होता है 'प्लेसमेंट'
भारत में मदरसों पर बहस बढ़ती जा रही है. पहले असम और अब उत्तर प्रदेश में मदरसों को लेकर राजनीति गर्माई हुई है. लेकिन अगर पाकिस्तान में मदरसों का हाल देखें तो चौंकाने वाली बात सामने आती है.
नई दिल्ली :
Madrassas of Pakistan : असम में जिन मदरसों में आतंकी गतिविधि से जुड़े होने की बात सामने आई उन्हें गिरा दिया गया है. हालांकि इस पर लगातार विवाद जारी है. यह विवाद तो थमा नहीं लेकिन उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे की बात सामने आई तो नया विवाद शुरू हो गया. असदुद्दीन ओवैसी ने तो इस सर्वे को छोटा एनआरसी तक बता दिया हालांकि भाजपा ने यह साफ किया है कि यह मुस्लिम छात्रों के भले के लिए किया जा रहा है. भारत में मदरसों में क्या पढ़ाया जा रहा है और छात्रों का क्या भविष्य होगा इस पर लगातार बहस होती रहती है लेकिन इसी बीच चलिए पाकिस्तान के मदरसों का भी हाल देख लिया जाए.
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एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में करीब 40 हजार मदरसे हैं. अब बड़ा सवाल ये है कि अगर भारत में मदरसों के साथ ठीक व्यवहार नहीं हो रहा तो पाकिस्तान में आखिर मदरसों में क्या पढ़ाया जाता है. आखिर कहां प्लेसमेंट होता है. तो इसे पता लगाने के लिए नजर डालते हैं बीबीसी की एक रिपोर्ट पर. इस रिपोर्ट के हिसाब से पाकिस्तान के मदरसों में हर साल बड़ी संख्या में आतंकवादी तैयार किए जाते हैं. अमेरिकी थिंकटैंक बाल्टीमोर पोस्ट एग्जामिनर ने एक रिपोर्ट भी जारी की थी, जिसमें पाकिस्तानी आतंकवाद से जुड़े कई खुलासे किए गए थे. इसमें भी पाकिस्तान के मदरसों में आतंकवाद की ट्रेनिंग मिलने की बात कही जाती है. अगर आप सोच रहे हैं कि यह सिर्फ कश्मीर में आतंक फैलाते हैं तो आप गलत हैं.
पाकिस्तान के सबसे बड़े और पुराने मदरसों में से एक है दारुल उलूम हक्कानिया मदरसा. तालिबान की स्थापना करने वालों में इस मदरसे के भी छात्र हैं. यही नहीं तालिबान के प्रमुख नेताओं में शामिल मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसूर, मौलाना अब्दुल बाकी, नजीबुल्ला हक्कानी, नूर मोहम्मद साकिब, मोहम्मद नईम आदि भी पाकिस्तान के इसी मदरसे से पढ़े हैं. इन रिपोर्टों से यह साफ है कि पाकिस्तान के मदरसे आतंक का केंद्र हैं.
पाकिस्तान के मदरसों की स्थिति यही साबित करती है कि भारत में भी इस तरह के मदरसों पर नजर रखे जाने की जरूरत है. दावा तो यहां तक किया जाता है कि अलग-अलग देशों के मदरसों में संपर्क भी होते हैं और ये भारत और पाकिस्तान के मदरसों में भी हो सकते हैं. अब ये बात कितनी सच है इसकी पुष्टि तो अभी तक नहीं हुई लेकिन ये दावा डराने वाला है. फिलहाल सबकी नजर इस बात पर लगी है कि उत्तर प्रदेस के मदरसों के सर्वे में क्या सामने आता है.
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