भारत में कोरोना पर काबू के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपायः फाउची
डॉ. फाउची ने कहा कि भारत को तत्काल अस्थायी अस्पताल बनाने की जरूरत है, जिस तरह करीब एक साल पहले चीन ने किया था.
highlights
- भारत में कोरोना को खत्म करने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र विकल्प
- साथ ही भारत वैक्सीन हब होने के नाते अन्य देशों को भी दे टीका
- चीन की तरह भारत में अस्थायी अस्पताल पहली वरीयता
वॉशिंगटन:
अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ एंथनी फाउची (Anthony Fauci) का मानना है कि भारत में कोविड-19 (COVID-19) की भयावहता से उबरने के लिए लोगों का टीकाकरण ही एकमात्र दीर्घकालिक समाधान है. इसके लिए उन्होंने इस महामारी से निपटने के लिए घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोविड-रोधी टीके के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के प्रमुख चिकित्सा सलाहकार फाउची ने एबीसी न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा, 'इस महामारी का पूरी तरह से खात्मा करने के लिए लोगों का टीकाकरण (Vaccination) किया जाना चाहिए. भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीका निर्माता देश है. उन्हें अपने संसाधन मिल रहे हैं, न केवल भीतर से, बल्कि बाहर से भी.' उन्होंने कहा, 'यही कारण है कि अन्य देशों को या तो भारत को उनके यहां टीका निर्माण के लिए सहायता देनी चाहिए अथवा टीके दान देने चाहिए.'
भारत को अस्थायी अस्पतालों की जरूरत
डॉ. फाउची ने कहा कि भारत को तत्काल अस्थायी अस्पताल बनाने की जरूरत है, जिस तरह करीब एक साल पहले चीन ने किया था. उन्होंने कहा, भारत को ऐसा करना ही होगा. आप अस्पताल में बिस्तर नहीं होने पर लोगों को गलियों में नहीं छोड़ सकते. ऑक्सीजन के हालात बेहद नाजुक हैं. मेरा मतलब है कि लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाना वास्तव में दुखद है.' फाउची ने कहा कि तात्कालिक तौर पर अस्पताल के बिस्तरों, ऑक्सीजन, पीपीई किट और अन्य चिकित्सा आपूर्ति की समस्या है. उन्होंने वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए देशव्यापी लॉकडाउन की जरूरत पर भी जोर दिया.
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टीकाकरण है जारी
भारत में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक टीके की 17 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार को देश के 30 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में 18-44 साल आयु वर्ग के 2,43,958 लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दी गई. अब तक इस आयु वर्ग के 20,29,395 लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है.
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आंकड़ों में यह है स्थिति
मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक कोरोना टीकों की कुल 17,01,53,432 खुराक दी जा चुकी हैं. इनमें 95,46,871 स्वास्थ्यकर्मियों को पहली जबकि 64,71,090 स्वास्थ्यकर्मियों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी हैं. वहीं, अग्रिम मोर्चे पर तैनात 1,39,71,341 कर्मचारी टीके की पहली खुराक ले चुके हैं, जबकि 77,54,283 कर्मचारियों को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं. अठारह से 44 साल के 20,29,395 लोग टीके की पहली खुराक ले चुके हैं. इसके अलावा, 45 से 60 साल की आयु के 5,51,74,561 लोग पहली, जबकि 65,55,714 लोग दूसरी खुराक ले चुके हैं. साठ वर्ष से अधिक आयु के 5,36,72,259 लोगों को पहली जबकि 1,49,77,918 लोगों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है.
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