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Ukraine Crisis: रूस-यूक्रेन में गेहूं निर्यात समझौता 4 माह के लिए बढ़ा

Ukraine grain export deal extended: यूक्रेन के खिलाफ रूस के विशेष सैन्य अभियान के शुरू होने के बाद काला सागर से होकर गुजरने वाले अनाज की आवाजाही रुक गई थी. जिसके बाद दुनिया में एक बड़ा खाद्य संकट पैदा होने जा रहा था. लेकिन यूएन और तुर्किए...

Updated on: 17 Nov 2022, 05:45 PM

highlights

  • यूक्रेन से खाद्य निर्यात रहेगा जारी
  • रूस ने समझौते को 4 माह के लिए बढ़ाया
  • तुर्की की मध्यस्थता में हुआ था युद्ध के बीच समझौता

नई दिल्ली:

Ukraine grain export deal extended: यूक्रेन के खिलाफ रूस के विशेष सैन्य अभियान के शुरू होने के बाद काला सागर से होकर गुजरने वाले अनाज की आवाजाही रुक गई थी. जिसके बाद दुनिया में एक बड़ा खाद्य संकट पैदा होने जा रहा था. लेकिन यूएन और तुर्किए की मध्यस्थता के बाद रूस और यूक्रेन में एक समझौता हुआ था, जिसमें यूक्रेन में रखा अनाज काला सागर से होकर दुनिया के दूसरे देशों को पहुंचाने के लिए रूस ने छूट दी थी. ये सबकुछ तुर्किए की मध्यस्थता की वजह से संभव से हुआ था. इस डील के समय के पूरा होने के बाद दुनिया एक बार फिर से अनाज की कमी का सामना करने ही वाली थी कि रूस-यूक्रेन इस समझौते को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हो गए हैं.

पूरे 120 दिनों के लिए बढ़ा है समझौता

यूएन की तरफ से और तुर्किए द्वारा समर्थिन यूएन ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव (United Nations Black Sea Grain Initiative) अब 120 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है. तुर्की में तुर्की और यूक्रेन के अधिकारियों ने इसकी घोषणा की. अब यूक्रेन में पैदा होने वाला अनाज पहले की तरह ही दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचता रहेगा. बता दें कि यूक्रेन दुनिया में अनाज उपजाने और निर्यात करने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल है. रूस के हमले के बाद लाखों टन अनाज यूक्रेन के बंदरगाहों पर फंस गया था. जिसे रिलीज कराने के लिए तुर्किए ने मध्यस्थता की थी.

यूएन ने की समझौते को बढ़ाने की तारीफ

तुर्किए के राष्ट्रपति रेकेप तैयेप एर्दोगन ने ट्विटर पर लिखा, 'ये समझौता दुनिया के फूड सप्लाई चेन के लिए बेहद जरूरी है. इसकी वजह से दुनिया में खाद्य सुरक्षा बनाए रखी गई है. ये समझौता अपनी अहमियत खुद बयान कर रहा है'. यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी समझौते को बेहद अहम बताया और इस समझौते के लिए सभी पक्षों को शुक्रिया कहा है. बता दें कि रूस ने इस समझौते को खत्म करने की धमकी दी थी.

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दुनिया के कई देशों के लिए अहम है यूक्रेन का गेंहू

गौरतलब है कि यूक्रेन में पैदा होने वाला गेंहू दुनिया के काफी गरीब देशों तक पहुंचता है. ये गेंहू अफ्रीका महाद्वीप के लिए बेहद जरूरी है. यूक्रेन के निर्यात का 40 फीसदी हिस्सा विकासशील और गरीब देशों तक पहुंचता है. ऐसे में अगर यूक्रेन का सप्लाई चेन रुक जाए, तो दुनिया के कई देशों में भुखमरी का संकट खड़ा हो जाएगा.