Ukraine Crisis: रूस-यूक्रेन में गेहूं निर्यात समझौता 4 माह के लिए बढ़ा
Ukraine grain export deal extended: यूक्रेन के खिलाफ रूस के विशेष सैन्य अभियान के शुरू होने के बाद काला सागर से होकर गुजरने वाले अनाज की आवाजाही रुक गई थी. जिसके बाद दुनिया में एक बड़ा खाद्य संकट पैदा होने जा रहा था. लेकिन यूएन और तुर्किए...
highlights
- यूक्रेन से खाद्य निर्यात रहेगा जारी
- रूस ने समझौते को 4 माह के लिए बढ़ाया
- तुर्की की मध्यस्थता में हुआ था युद्ध के बीच समझौता
नई दिल्ली:
Ukraine grain export deal extended: यूक्रेन के खिलाफ रूस के विशेष सैन्य अभियान के शुरू होने के बाद काला सागर से होकर गुजरने वाले अनाज की आवाजाही रुक गई थी. जिसके बाद दुनिया में एक बड़ा खाद्य संकट पैदा होने जा रहा था. लेकिन यूएन और तुर्किए की मध्यस्थता के बाद रूस और यूक्रेन में एक समझौता हुआ था, जिसमें यूक्रेन में रखा अनाज काला सागर से होकर दुनिया के दूसरे देशों को पहुंचाने के लिए रूस ने छूट दी थी. ये सबकुछ तुर्किए की मध्यस्थता की वजह से संभव से हुआ था. इस डील के समय के पूरा होने के बाद दुनिया एक बार फिर से अनाज की कमी का सामना करने ही वाली थी कि रूस-यूक्रेन इस समझौते को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हो गए हैं.
पूरे 120 दिनों के लिए बढ़ा है समझौता
यूएन की तरफ से और तुर्किए द्वारा समर्थिन यूएन ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव (United Nations Black Sea Grain Initiative) अब 120 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है. तुर्की में तुर्की और यूक्रेन के अधिकारियों ने इसकी घोषणा की. अब यूक्रेन में पैदा होने वाला अनाज पहले की तरह ही दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचता रहेगा. बता दें कि यूक्रेन दुनिया में अनाज उपजाने और निर्यात करने वाले सबसे बड़े देशों में शामिल है. रूस के हमले के बाद लाखों टन अनाज यूक्रेन के बंदरगाहों पर फंस गया था. जिसे रिलीज कराने के लिए तुर्किए ने मध्यस्थता की थी.
यूएन ने की समझौते को बढ़ाने की तारीफ
तुर्किए के राष्ट्रपति रेकेप तैयेप एर्दोगन ने ट्विटर पर लिखा, 'ये समझौता दुनिया के फूड सप्लाई चेन के लिए बेहद जरूरी है. इसकी वजह से दुनिया में खाद्य सुरक्षा बनाए रखी गई है. ये समझौता अपनी अहमियत खुद बयान कर रहा है'. यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी समझौते को बेहद अहम बताया और इस समझौते के लिए सभी पक्षों को शुक्रिया कहा है. बता दें कि रूस ने इस समझौते को खत्म करने की धमकी दी थी.
ये भी पढ़ें: Meta India Head Sandhya Devnathan: कौन है मेटा इंडिया की नई हेड, इस दिन संभालेंगी कमान
दुनिया के कई देशों के लिए अहम है यूक्रेन का गेंहू
गौरतलब है कि यूक्रेन में पैदा होने वाला गेंहू दुनिया के काफी गरीब देशों तक पहुंचता है. ये गेंहू अफ्रीका महाद्वीप के लिए बेहद जरूरी है. यूक्रेन के निर्यात का 40 फीसदी हिस्सा विकासशील और गरीब देशों तक पहुंचता है. ऐसे में अगर यूक्रेन का सप्लाई चेन रुक जाए, तो दुनिया के कई देशों में भुखमरी का संकट खड़ा हो जाएगा.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी