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कनाडा में फिर दो भारतीय मूल के लोगों की हत्या, गैंगवार की आशंका

कनाडा में भारतीय मूल के दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. व्हिस्पर के ब्रिटिश कोलंबिया रिसॉर्ट गांव में रविवार को मनिंदर धालीवाल और सतिंदर गिल की हत्या कर दी गई. इससे पहले रिपुदमन सिंह मलिक की भी इसी तरह 10 दिन पहले हत्या कर दी गई थी.

Updated on: 25 Jul 2022, 11:15 PM

टोरंटो:

कनाडा में भारतीय मूल के दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. व्हिस्पर के ब्रिटिश कोलंबिया रिसॉर्ट गांव में रविवार को मनिंदर धालीवाल और सतिंदर गिल की हत्या कर दी गई. गौरतलब है कि इससे पहले रिपुदमन सिंह मलिक की भी इसी तरह 10 दिन पहले हत्या कर दी गई थी. उसे एयर इंडिया के एक विमान पर बॉम्बिंग के आरोप से बरी हो चुका था. स्थानीय मीडिया सीटीवी ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि ताजा हत्याओं के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, मलिक की हत्या के मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. हालांकि, हत्या की ताजा वारदात को भी रिपुदमन मलिक जैसे सार्वजनिक स्थान पर एक कार में बैठे हुए दिन के उजाले में गोली मार दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स में एक कार को भी पास में जलती हुई दिखाई गई है. हालांकि, अधिकारियों ने दोनों घटनाओं को जोड़ने से मना कर दिया है. 

पुलिस प्रमुख एडम पामर ने हत्या के संदिग्धों की तस्वीरें जारी करते हुए कहा है कि हमारी पुलिस की खुफिया सूचना के मुताबिक जिन व्यक्तियों की पहचान की है, वे प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों द्वारा लक्षित हो सकते हैं. वैंकूवर सन के मुताबिक धालीवाल ब्रदर्स कीपर (बीके) के नाम से जाने जाने वाले गिरोह का सदस्य थे. अखबार की वेबसाइट के मुताबिक धालीवाल के भाई की भी पिछले साल अप्रैल में हत्या कर दी गई थी.

सीटीवी ने कहा कि इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (आईएचआईटी) ने पुष्टि की कि धालीवाल और गिल को निशाना बनाया गया और शूटिंग ब्रिटिश कोलंबिया के लोअर मेनलैंड क्षेत्र में चल रहे गिरोह संघर्ष से जुड़ी थी, जिसमें वैंकूवर भी शामिल है. इसमें कहा गया है कि पिछले साल धालीवाल के भाई हर्ब की वैंकूवर रेस्तरां के बाहर हत्या कर दी गई थी, जब वह उनके और बरिंदर के साथ थे. मनिंदर ने बंदूकधारी फ्रेंकोइस गौथियर का पीछा किया और उसकी आंख में छुरा घोंप दिया.

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द सन के मुताबिक गौथियर ने पिछले महीने कनाडा की एक अदालत में हत्या को अंजाम देने की बात स्वीकार की थी. इसके बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसमें कहा गया है कि मनिंदर और बरिंदर दोनों को पहले भी कई बार गोली मारी जा चुकी है. रिपुदमन सिंह को एयर इंडिया की कनिष्क की बॉम्बिंग से जुड़े आरोपों से बरी कर दिया गया था, जिसमें 1985 में कनाडा से भारत की उड़ान में बोइंग 747 में सवार सभी लोग मारे गए थे. गौरतलब है कि कभी सिख अलगाववादी खालिस्तान आंदोलन के समर्थक रहे रिपुदमन सिंह ने बाद में भारत सरकार काम करना शुरू कर दिया था. इसके बाद भारत सरकार ने उसे ब्लैक लिस्ट से हटा दिया था और 2019 में भारत आने के लिए वीजा दिया गया.