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7 मुस्लिम देशों पर डोनाल्ड ट्रंप के रोक लगाने के बाद गूगल ने दुनिया भर से अपने कर्मचारियों को वापस बुलाया

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रतिबंधित करने पर अमेरिकी इंटरनेट कंपनी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कड़ा ऐतराज जताया है।

Updated on: 29 Jan 2017, 07:37 AM

नई दिल्ली:

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों को मिलने वाले वीजा के नियमों में कड़ा बदलाव और इन देशों के शरणार्थियों के अमेरिका आने पर प्रतिबंधित लगाने के फैसले पर अमेरिकी इंटरनेट कंपनी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कड़ा ऐतराज जताया है। पिचाई ने ट्रंप के फैसले के बाद अमेरिका से बाहर गए लोगों को तुरंत वापस लौटने का आदेश दिया है। पिचाई भारतीय मूल के हैं और उन्होंने भारत में ही अपनी पढ़ाई पूरी की है।

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सुंदर पिचाई ने कहा है, 'मुस्लिम देशों पर बैन लगाने से प्रतिभावान लोगों को कंपनी से जोड़ने पर रुकावटें पैदा होंगी।' पिचाई ने अपने कर्मचारियों को ईमेल लिखकर कहा है कि अमेरिका के नए विदेश नीति की वजह से गूगल के करीब 187 कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे जो इन सात देशों के रहने वाले हैं।

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वाल स्ट्रीट जनरल के मुताबिक पिचाई के आतंरिक ईमेल के मुताबिक उसमे कहा गया है कि हम अमेरिकी सरकार के इस फैसले से दुखी हैं। इसका सीधा असर गूगल के कर्मचारियों और उनके परिवारवालों पर पड़ेगा। सरकार के इस फैसले की वजह से गूगल को अब प्रतिभावान लोगों की नियुक्ति करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिभा भर में गूगल के लिए काम कर रहे करीब 100 कर्मचारियों को गूगल ने वापस बुला लिया है।

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गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने शनिवार को ही ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन जैसे इस्लामिक देशों के नागरिकों को वीजा दिए जाने के नियम को और कड़ा करने और इन देशों के शरणार्थियों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक जैसे अमेरिकी कंपनियों ने भी नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि अमेरिका विस्थापितों का देश है और इसपर हमें गर्व होना चाहिए।