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डोनाल्ड ट्रंप ने शरणार्थियों पर लगाया बैन तो मलाला बोलीं, 'विश्व के सबसे असहाय और असुरक्षित परिवारों को अकेला न छोड़ें'

मलाला का कहना है कि शरणार्थियों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो आदेश जारी किए हैं वह अत्यंत दुखद हैं।

Updated on: 28 Jan 2017, 02:41 PM

नई दिल्ली:

नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित और मूल रूप से पाकिस्तान की रहने वालीं मलाला यूसुफजई ने शरणार्थियों को लेकर अमेरिका की नई नीतियों पर दुख जताया है। मलाला का कहना है कि शरणार्थियों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो आदेश जारी किए हैं वह अत्यंत दुखद हैं।

मलाला ने कहा, 'मैं अत्यंत दुखी हूं कि राष्ट्रपति ट्रंप हिंसा और युद्धग्रस्त देशों को छोड़कर भाग रहे बच्चों, माताओं और पिताओं के लिए दरवाजे बंद कर रहे है।'

ट्रंप द्वारा आदेश पर हस्ताक्षर करने के कुछ देर बाद मलाला ने एक बयान में कहा, 'दुनियाभर में अनिश्चितता और अशांति के इस समय में, मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अनुरोध करती हूं कि वह विश्व के सबसे असहाय और असुरक्षित परिवारों को अकेला ना छोड़ें।'

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19 वर्षीय मलाला नोबेल पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की विजेता हैं। उन्हें भारत के शिक्षा कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रुप से 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। मलाला शांति के लिए नोबेल पुरस्कार हासिल करने वालीं सबसे कम उम्र की विजेता हैं और अब इंग्लैंड में रह रही हैं।

क्या है विवाद

अमेरिका ने शरणार्थी पुनर्वास कार्यक्रम को 120 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। हालांकि व्हाइट हाउस ने इससे संबंधित आदेश सार्वजनिक नहीं किए हैं लेकिन अमेरिकी मीडिया में लीक हए कुछ दस्तावेजों में इसका जिक्र है।

इसका फैसले व्यापक असर सीरिया, यमन, इरान और कुछ दूसरे देशों के शरणार्थियों पर पड़ सकता है जो वहां छिड़े गृह युद्ध से परेशान होकर यूरोप और दुनिया के दूसरे हिस्सों का रूख कर रहे हैं।