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बिना अपराध के जेल में बंद हैं ये भारतीय नौजवान, नौकरी करने पहुंचे थे ईरान 

ईरान की एक शिपिंग कंपनी में नौकरी करने गए पांच भारतीय बेगुनाह लड़के इन दिनों बिना किसी अपराध के जेल में बंद हैं. ईरान की नौसेना ने इन सभी को बीच समुद्र में उनके जहाज को नशीले पदार्थ की तस्करी के आरोप में पकड़ लिया था.

Updated on: 13 Sep 2021, 06:01 PM

highlights

  • माता-पिता को है अपने बेटों का इंतजार
  • नहीं मिल रही कोई सरकारी मदद
  • ईरान की नौसेना ने इन सभी को पकड़ा था

 

नई दिल्ली:

ईरान की एक शिपिंग कंपनी में नौकरी करने गए पांच भारतीय बेगुनाह लड़के इन दिनों बिना किसी अपराध के जेल में बंद हैं. ईरान की नौसेना ने इन सभी को बीच समुद्र में उनके जहाज को नशीले पदार्थ की तस्करी के आरोप में पकड़ लिया था. चूंकि जहाज पर लदे माल के बारे में इन्हें जानकारी नहीं थी. हालांकि ईरान की अदालत में ये लड़के बेकसूर तो साबित हो गए लेकिन घटना के 6 महीने बाद भी उनकी वतन वापसी नहीं हो पाई है. उनके परिवार को उनका शिद्दत से इंतजार है लेकिन उनके घर वापसी की राहें सरकारी फाइलों में उलझ कर रह गई हैं.

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430 दिन से हैं ईरान की जेल में बंद

55 साल के मिलिंद वर्लीकर और उनकी पत्नी रंजना वर्लीकरकी आंखें अपने बेटे के इंतजार में पथरा चुकी हैं. दादी मां का रो-रो कर हाल बुरा है, हर समय इंतजार है उनके लाडले पोते मंदार का, जो बीते 430 दिन से ईरान की एक जेल में है. बावजूद इसके कि ईरान की अदालत ने उसे बेकसूर करार देकर रिहा कर दिया है. वहीं  मंदार की तरह ही मुंबई के रहने वाले अनिकेत येनपुरे भी इस समय ईरान की जेल में है. पिता शाम येनपुर बच्चे की वतन वापसी के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी. ईरान की चाबहार जेल से बच्चे से एक-दो बार बात हो जाती है लेकिन वो घर कब आ पाएगा, घर में कोई नहीं जानता.

तस्करी के आरोप में पकड़ा था, पर बेकसूर साबित हुए

दरअसल 31 साल का मंदार और 28 साल के अनिकेत फरवरी 2020 में ईरान की एक शिपिंग कंपनी के लिए काम करने गए थे. ये उनकी पहली नौकरी थी. जिसके लिए परिवार वालों ने अपनी जीवन भर की जमा पूंजी एजेंटों को दे रखी थी. 20 फरवरी 2020 को MV Atrin 10 नाम के जिस ईरानी जहाज पर ये बतौर क्रू काम कर रहे थे, उसको ईरान की नौसेना ने नशीले पदार्थ की तस्करी के आरोप में पकड़ लिया. मंदार और अनिकेत के अलावा उस जहाज पर तीन भारतीय लड़के और भी थे. जिन्हें तुरंत गिरफ्तार कर ईरान की चाबहार जेल भेज दिया गया. इसी साल मार्च महीने में ईरान की एक अदालत ने पाया कि जहाज पर नशीले पदार्थों की मौजूदगी की जानकारी इन लड़कों को नहीं थी इसलिए उन्हें बरी कर दिया गया.

वापस लाने में सरकारी फंड आ रहे आड़े

बेकसूर होने के बावजूद मंदार और अनिकेत, तीन और भारतीय लड़कों के साथ पिछले साल फरवरी महीने से ईरान की चाबहार जेल में हैं, लेकिन उन्हें वापस लाने के रास्ते में सरकारी फंड आड़े आ रहे हैं. फिलहाल 400 से ज्यादा दिन ईरान की एक जेल में बिता चुके मंदार और अनिकेत का परिवार मुख्यमंत्री से लेकर विदेशमंत्री और प्रधानमंत्री तक को कई पत्र लिख चुका है लेकिन जवाब नही आता. ऐसे में इन लड़कों की वतन वापसी की राहें सरकारी फाइलों में उलझ कर रह गई हैं और परिवार का इंतजार लंबा होता जा रहा है.