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भारत-बांग्लादेश के बीच 25 समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद, लेकिन तीस्ता जल बंटवारे पर चुप्पी

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शिख हसीना की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच लंबे समय से लटके पड़े तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे पर समझौता होने की संभावना कम नजर आ रही है।

Updated on: 07 Apr 2017, 11:18 AM

नई दिल्ली:

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शिख हसीना की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच लंबे समय से लटके पड़े तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे पर समझौता होने की संभावना कम नजर आ रही है। हालांकि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सिविल न्यूक्लियर समझौता समेत 25 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।

अपने चार दिवसीय यात्रा के दौरान शेख हसीना भारत के प्रधानमंत्री नरेंदेर मोदा के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगी। इस दौरान भारत 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सैन्य उपकरणों के लिये कर्ज़ देने की घोषणा कर सकता है।

सूत्रों का कहा है कि केंद्र सरकार बिना पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस मुददे पर साथ लिये बगैर आगे नहीं बढ़ना चाहता है। क्योंकि वो लगातार पश्चिम बंगाल में पानी की कमी की बात कर रही हैं।

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लेकिन दोनों देशों के बीच ये समझौता रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। लेकिन क्षेत्रीय राजनीति के कारण इसमें अड़चन आ रही है। चीन बांग्लादेश में अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहा है, जो भारत के लिये रणनीतिक रूप से खतरनाक है।

ममता बनर्जी को पीएम मोदी ने शनिवार को भारत-बांग्लादेश के बीच होने वाली आधिकारिक द्विपक्षीय वार्ता में दौरान होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए बुलाया है। बनर्जी ने दिल्ली आने का न्यौता तो स्वीकार कर लिया है लेकिन वह तीस्ता को लेकर अपने पत्ते नहीं खोल रही हैं।

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केंद्र सरकार की तरफ से ममता बनर्जी को तीस्ता जल बंटवारे के समझौते पर मनाने की कई बार कोशिश की गई है। यही नहीं यूपीए सरकार के दौरान भी समझौते से जजुड़ी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उस दौरान ममता बनर्जी को मनाने की कोशिश की थी। तब भी ममता बनर्जी ने पानी की कमी की बात की थी।

विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी तीस्ता जल समझौता न हो पाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा, 'ये यात्रा बिना पानी की होगी।'

एक सवाल के जवाब में विदेश सचिव एस जय़शंकर ने कहा, 'अभी तक कोई सरप्राइज़ जैसी स्थिति नज़र नहीं आ रही है, लेकिन हो जाए तो मुझे जिम्मेदार न ठहराएं।'

दोनों देशों को बीच नागरिक परमाणु सहयोग को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। इससे दोनों के बीच इस क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। यहां तक कि बांग्लादेश में न्यूक्लियर रिएक्टर की स्थापना भी की जा सकेगी।

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