Mala Jaap Ke Niyam: माला जपना हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण प्रथा है. यह एक प्रकार का मन्त्र-जाप है जिसमें व्यक्ति मंत्रों का उच्चारण करता है. माला जप करने का उद्देश्य मन को शांत और ध्यानाकारी बनाना है. माला जपने के लिए जपमाला का प्रयोग किया जाता है. इसका प्रयोग भगवान के नामों के जप, मंत्रों के उच्चारण, आत्म-शुद्धि और आध्यात्मिक विकास के लिए किया जाता है. माला जप करने से ध्यान की अवस्था में प्रवेश होता है और मानव का अंतरात्मा आत्म-साक्षात्कार का अनुभव करता है. यह मान्यता है कि मंत्रों का जाप माला से करने से मन की अस्थिरता दूर होती है और व्यक्ति की आत्मा में शांति और समृद्धि का अनुभव होता है. साथ ही, माला जपने के द्वारा मनुष्य अपनी ध्यान-शक्ति को विकसित करता है और अपने जीवन को संतुलित और सकारात्मक बनाने में सहायक होता है. इसके अलावा, माला जप का प्रयोग ध्यान, समाधि और मानवता में सेवा के लिए भी किया जाता है.
माला जपने के नियम
माला जपने के लिए लकड़ी, रुद्राक्ष, स्फटिक या मोती की माला का प्रयोग करना चाहिए. माला में 108 मोती होने चाहिए. शांत और एकांत स्थान पर बैठें और सूर्योदय या सूर्यास्त का समय जाप करें. माला जप करते समय सुखासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठना चाहिए. दाहिने हाथ में माला लेकर अंगूठे और तर्जनी उंगली से मोतियों को घुमाते हुए मंत्र का जप करना चाहिए. माला जप करते समय मन को एकाग्र रखना चाहिए और मंत्र के अर्थ पर ध्यान देना चाहिए. एक माला जप में 108 बार मंत्र का जप करना चाहिए. माला जप नियमित रूप से करना चाहिए. प्रतिदिन कम से कम 108 बार मंत्र का जप जरूर करें.
सावधानियां
माला को हमेशा स्वच्छ रखें. माला को पहनने से पहले और बाद में उसे स्नान कराएं. इसे कभी भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए. माला को हमेशा किसी ऊंचे स्थान पर रखें. जप करते समय मौन रहें और जप से आपको कोई सिद्धि प्राप्त हो तो भी अभिमान न करें. इससे भौतिक लाभ मिलने की इच्छा न रखें. माला जप में विश्वास रखें और धैर्य रखें. इन नियमों और सावधानियों का पालन करके आप माला जप का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं.
माला जप के लिए उस मंत्र का चुनाव करें जिसके प्रति आप श्रद्धा रखते हैं और जिसका अर्थ आप समझते हैं. अगर संभव हो तो किसी गुरु से दीक्षा लेकर मंत्र जप करें. आप किसी मंत्र जप समूह में शामिल होकर अन्य लोगों के साथ मंत्र जप कर सकते हैं. माला जप एक शक्तिशाली साधना है जो आपको आध्यात्मिक उन्नति और मन की शांति प्राप्त करने में मदद कर सकती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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Source : News Nation Bureau