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चीन की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा तालिबान, कितना खतरनाक हो सकता है ये गठजोड़

अमेरिका के अफगानिस्तान से सेना वापसी के एलान के बाद तालिबान की निगाहें एक बार फिर अपने वर्चस्व को बढ़ाने पर आ टिकी हैं

Updated on: 28 Jul 2021, 05:32 PM

नई दिल्ली:

अमेरिका के अफगानिस्तान से सेना वापसी के एलान के बाद तालिबान की निगाहें एक बार फिर अपने वर्चस्व को बढ़ाने पर आ टिकी हैं. यही वजह है कि तालिबान के नेता अन्य देशों में अपना समर्थन तलाश रहे हैं. इस क्रम में तालिबान का प्रतिनिधिमंडल मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में चीन पहुंचा है. इस दौरान तालिबानी नेताओं ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की.  राजनयिक हलकों में चीन के साथ तालिबान नेताओं की यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. वहीं, बताया जा रहा है कि तालिबान अफ गानिस्तान में अपने विस्तार के लिए चीन का समर्थन चाहता है.

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चीन को सता रहा यह डर

आपको बता दें कि तालिबान अफगानिस्तान के 90 प्रतिशत इलाकों पर कब्जे का दावा करता है. जानकारी के अनुसार तालिबानी नेता मुल्ला बरादर न चीन को यह आश्वासन दिया है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश की सुरक्षा के खिलाफ नहीं किया जाएगा. आपको बता दें कि तालिबानी नेताओं और चीन के विदेशमंत्री की यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब हाल ही में पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और आईएसआई के मुखिया फैज हामिद भी चीन जाकर वांग यी से मुलाकात  कर चुके हैं.  आपको बता दें कि आतंकी संगठन चीन में शिंजियांग प्रांत से सटे अधिकांश सीमाई इलाके पर कब्जा जमा चुका है, जिसके चलते चीन को डर है कि  तालिबान अब उसके शिंजियांग प्रांत में घुसपैठ न कर दे. यह मुलाकात चीन के तिहानजिन शहर में हुई है. मुलाकात के दौरान चीन ने स्पष्ट कर दिया है कि तालिबान को पहले सभी आंतकी संगठनों से अपने संबंध खत्म करने होंगे. 

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6 महीनों में संघर्षों में 1,659 नागरिक मारे गए

2021 यूएनएएमए की अफगानिस्तान प्रोटेक्शन ऑफ सिविलियन्स इन आम्र्ड कॉन्फ्लिक्ट मिडीयर रिपोर्ट में पाया गया कि साल के पहले 6 महीनों में संघर्षों में 1,659 नागरिक मारे गए, जबकि 3,254 अन्य घायल हुए है. रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में इसी अवधि की तुलना में, उद्धृत अवधि के दौरान, मौतों और चोटों सहित कुल नागरिक हताहतों की संख्या में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई. "विशेष रूप से चौंकाने वाली और गहरी चिंता की बात यह है कि 2021 की पहली छमाही में सभी नागरिक हताहतों में महिलाओं, लड़कों और लड़कियों की संख्या लगभग आधी थी. सभी नागरिक हताहतों में से 46 प्रतिशत, 32 प्रतिशत बच्चे- कुल 1,682 और 14 प्रतिशत महिलाएं- कुल 727 थीं."