नेपाल: ओली के इस्तीफे पर संशय बरकरार, विरोधी खेमा ने सोमवार तक का दिया अल्टिमेटम
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के इस्तीफे पर अभी भी संशय बरकरार है. पार्टी के अधिकांश नेताओं के द्वारा ओली पर इस्तीफे का दबाब लगातार बढ़ाने के बावजूद ओली अपनी ही चाल से विरोधी गुट को मात देने में लगे हुए हैं.
नई दिल्ली :
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के इस्तीफे पर अभी भी संशय बरकरार है. पार्टी के अधिकांश नेताओं के द्वारा ओली पर इस्तीफे का दबाब लगातार बढ़ाने के बावजूद ओली अपनी ही चाल से विरोधी गुट को मात देने में लगे हुए हैं.
नेपाल की सत्तारूढ़ दल नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी की सबसे पावरफुल इकाई सचिवालय समिति के 9 में से 6 सदस्य ने आज अलग से बैठक कर प्रधानमंत्री को सोमवार तक इस्तीफा देने का अल्टिमेटम दिया है.
ओली के विरोध में रहे पुष्प कमल दहाल प्रचण्ड, वरिष्ठ नेता माधव नेपाल और झलनाथ खनाल, पार्टी उपाध्यक्ष बामदेव गौतम, ओली कैबिनेट में गृह मंत्री रहे रामबहादुर थापा और पार्टी के प्रवक्ता समेत रहे नारायण काजी श्रेष्ठ ने आज अलग से बैठक की थी.
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यानि कि ओली के साथ अब महज दो ही नेता रह गए हैं एक सरकार में उपप्रधानमंत्री रहे इश्वर पोखरेल और पार्टी के महासचिव विष्णु पौडेल.
इस बैठक मे सोमवार को होने वाले स्थाई समिति की बैठक को अब नहीं रोकने और प्रधानमंत्री को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा गया है. इस बैठक में शामिल एक नेता ने बताया कि पार्टी की स्थायी समिति की बैठक से जो भी फैसला होगा वो सबको मानना ही होगा क्योंकि पार्टी ही सर्वोपरि है. इसलिए अब ना तो बैठक स्थगित किया जाएगा और ना ही अब और अधिक इन्तजार किया जाएगा.
इस बैठक से पार्टी में विभाजन लाने की ओली की तैयारी को भी विफल करने और ओली को पार्टी का निर्णय मानने पर मजबूर किए जाने की बात तय हुई है. विरोधी खेमा के नेताओं ने विश्वास जताया की ओली इस्तीफा नहीं देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे और पार्टी निर्णय को मानेंगे.
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विरोधी खेमा से अल्टिमेटम देने की जानकारी मिलते ही प्रधानमंत्री ओली ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति विद्या भण्डारी से मुलाक़ात की है. सूत्रों का कहना है कि अगर सोमवार को पार्टी उनके खिलाफ फैसला करती है तो उससे पहले ही वो दल विभाजन का अध्यादेश ला सकते हैं. राष्ट्रपति से मुलाकात के तुरंत बाद उन्होंने कैबिनेट में अपने सहयोगी मंत्रियों और राज्य मंत्रियों से इस समय विचार विमर्श कर रहे हैं.
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