Sudan crisis: ऑपरेशन कावेरी की शुरुआत, 500 में 278 भारतीय जेद्दा के लिए रवाना
सूडान में लड़ाई मंगलवार को लगातार दसवें दिन भी जारी है. हालांकि एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब द्वारा तीन दिवसीय युद्धविराम पर बातचीत की गई.
highlights
- 500 में 278 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंचे
- भारतीयों को निकालने को लेकर ऑपरेशन कावेरी की शुरुआत की
- इस युद्ध में अब तक 420 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है
नई दिल्ली:
सूडान में लड़ाई मंगलवार को लगातार दसवें दिन भी जारी है. हालांकि एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब द्वारा तीन दिवसीय युद्धविराम पर बातचीत की गई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी खार्तूम में भारी गोलाबारी और विस्फोट की आवाजें सुनाई दीं. इस दौरान, भारत सरकार ने सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने को लेकर ऑपरेशन कावेरी की शुरुआत की. सोमवार को आईएनएस सुमेधा के जरिए 500 में 278 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंचे. यहां से वे जेद्दा के लिए रवाना हो गए. एक अनुमान के अनुसार, अफ्रीकी देश में लगभग 3 हजार भारतीय हैं. बीते सप्ताह हुई हिंसा में एक केरलवासी की मौत हो गई थी.
मानवीय मामलों के समन्वय को लेकर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, सूडानी सशस्त्र बलों और रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच जबरदस्त जंग छिड़ी हुई है. इस युद्ध में अब तक 420 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 3,700 से ज्यादा लोग घायल हो गए. ये आकंड़े 23 अप्रैल को जारी किए गए.
First batch of stranded Indians leave Sudan under #OperationKaveri.
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) April 25, 2023
INS Sumedha with 278 people onboard departs Port Sudan for Jeddah. pic.twitter.com/4hPrPPsi1I
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अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने सोमवार को ऐलान किया कि मानवीय सहायता और निकासी उपायों में मदद के लिए 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सफलतापूर्वक बातचीत की गई है. युद्धरत दलों- जनरल अब्देल फत्ताह बुरहान के नेतृत्व में सूडानी सेना और जनरल मोहम्मद हमदान दगल के नेतृत्व में अर्धसैनिक समूह रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) ने अलग-अलग बयानों के माध्यम से इसकी पुष्टि की.
आवश्यक संसाधन प्राप्त हो सकेंगे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरएसएफ ने एक बयान में कहा, "इस संघर्ष विराम का उद्देश्य मानवीय गलियारों की स्थापना करना है, इससे नागरिको और यहां के निवासियों को आवश्यक संसाधन प्राप्त हो सकेंगे. इस तरह से स्वास्थ्य सेवाओं को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाने की इजाजत मिलती है. सेना ने बयान देने के साथ चेताया भी कि युद्धविराम विद्रोहियों द्वारा सभी शत्रुता को खत्म करने को लेकर प्रतिबद्ध है.
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