श्रीलंका के लिए शनिवार का दिन भारी, विरोध-प्रदर्शन की आशंका के बीच कई जगह कर्फ्यू
ऐहितायात के तौर पर पश्चिमी प्रांत के नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, कोलंबो उत्तर, कोलंबो दक्षिण और कोलंबो मध्य पुलिस डिवीजनों में कर्फ्यू लगाया गया है.
highlights
- राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की इस्तीफे की मांग पर विरोध-प्रदर्शन की आशंका
- पश्चिमी प्रांत के कई इलाकों में कर्फ्यू, उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
- आसमान छूती महंगाई और ईंधन की कमी से लोगों में बेहद नाराजगी
कोलंबो:
एतिहासिक आर्थिक मंदी झेल रहे श्रीलंका (Srilanka) में अब राजनीतिक अस्थिरता भी तेजी से पैर पसार रही है. राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार को बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन (Protest) की आशंका जताई गई है. इस दौरान शांति-व्यवस्था बनाए रखने और विरोध-प्रदर्शन को काबू में रखने के लिए के लिए पश्चिमी प्रांत के कई पुलिस डिविजनों में शुक्रवार रात 9 बजे से कर्फ्यू (Curfew) लगा दिया गया है. पुलिस प्रशासन ने कर्फ्यू के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. आसमान छूती महंगाई के बीच ईंधन की कमी ने लोगों के गुस्से को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है.
पश्चिमी प्रांत के कई इलाकों में कर्फ्यू
श्रीलंका के द कोलंबो पेज अखबार के मुताबिक ऐहितायात के तौर पर पश्चिमी प्रांत के नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, कोलंबो उत्तर, कोलंबो दक्षिण और कोलंबो मध्य पुलिस डिवीजनों में कर्फ्यू लगाया गया है. कर्फ्यू वाले इलाकों में यात्रा करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है और पुलिस ने लोगों को अन्य वैकल्पिक रास्तों को प्रयोग में लाने की सलाह दी है. गौरतलब है कि आर्थिक स्थिति ने पिछले कई हफ्तों से तनाव काफी बढ़ गया है. ईंधन स्टेशनों पर आम लोगों और पुलिस बल के सदस्यों और सशस्त्र बलों के बीच हिंसक टकरावों की रिपोर्ट है. ईंधन लेने के लिए श्रीलंका की जनता को कई-कई घंटे या फिर कभी-कभी कुछ दिनों तक कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है. हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस ने कई बार आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया है.
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केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में किया इजाफा
गौरतलब है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब ऐतिहासिक आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. तेल आपूर्ति की कमी ने स्कूलों और सरकारी कार्यालयों को अगली सूचना तक बंद करने के लिए मजबूर कर दिया है. वहीं आर्थिक संकट ने अनगिनत परिवारों को भूख और गरीबी में धकेल दिया है. स्थिति यह आ गई है कि श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए महत्वपूर्ण ब्याज दरों को बढ़ाकर 14.50 प्रतिशत और 15.50 प्रतिशत कर दिया है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरासिंघे ने कहा कि वाणिज्य बैंकों से ली जाने वाली स्थायी जमा सुविधा दर और स्थायी ऋण सुविधा दर को एक-एक प्रतिशत बढ़ाकर क्रमश: 14.50 और 15.50 प्रतिशत कर दिया गया है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में आए उछाल से श्रीलंका के शोषित-वंचित तबके को सबसे ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है.
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