logo-image

Sri Lanka crisis: श्रीलंका में सरकारी टीवी पर कब्जा, प्रदर्शनकारी पढ़ने लगा न्‍यूज, बंद करना पड़ा

श्रीलंका में हालात बेकाबू है और प्रदर्शकारियों ने भी सरकारी टीवी चैनल पर कब्जा कर लिया है. श्रीलंका का राष्‍ट्रीय चैनल, श्रीलंका रूपावाहिनी कॉरपोरेशन (SLRC) ऑफ एयर हो चुका है और उसका ब्रॉडकास्‍ट भी रोका गया है.

Updated on: 13 Jul 2022, 05:42 PM

नई दिल्ली:

श्रीलंका में हालात बेकाबू है और प्रदर्शकारियों ने भी सरकारी टीवी चैनल पर कब्जा कर लिया है. श्रीलंका का राष्‍ट्रीय चैनल, श्रीलंका रूपावाहिनी कॉरपोरेशन (SLRC) ऑफ एयर हो चुका है और उसका ब्रॉडकास्‍ट भी रोका गया है. सरकारी टीवी के दफ्तर में बुधवार को प्रदर्शनकारी घुस गए. प्रदर्शनकारियों ने मांग की थी कि टीवी चैनल पर विरोध प्रदर्शन की ही खबरें और तस्‍वीरें दिखाई जाएं. चैनल में घुसने का जो वीडियो सामने आ रहा है, उसमें साफ-साफ दिख रहा है कि कैसे ऑन एयर प्रोग्राम के बीच में एक प्रदर्शनकारी अपनी बात रखता है. इसके बाद ट्रांसमिशन बंद कर दिया गया, जोकि अभी तक बंद है. 

यह भी पढ़ें : राष्ट्रपति चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ को मिली मतपेटी

जानें प्रदर्शनकारी ने क्या कहा?

लाइव ब्रॉडकास्‍ट के दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब तक सरकार से लड़ाई खत्म नहीं हो जाती तब तक श्रीलंका रूपावाहिनी कॉरपोरेशन जन अराग्‍लय की ही खबरें दिखाएगा. आपको बता दें कि श्रीलंका में अभी स्थिति ये है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने संविधान के अनुच्छेद 37.1 के तहत पीएम रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बना दिया है. स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने ये सूचना दी है. डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने एक विशेष बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने उन्हें सूचित किया है कि पीएम को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया जाए, क्योंकि वह देश से बाहर हैं.

यह भी पढ़ें : बेंगलुरु पुलिस की CCB ने इंटरस्टेट ड्रग्स गैंग का किया पर्दाफाश, जानें क्या मिला

श्रीलंका से भागकर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे मालदीव पहुंच गए हैं और अंतिम गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं. हालांकि, गोटबाया राजपक्षे अभी कहां हैं, यह अभी साफ नहीं है. सूत्रों के अनुसार, मालदीव की संसद के स्‍पीकर और पूर्व राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद नशीद ने गोटाबाया राजपक्षे के साथ बात की थी. जनता ने 73 साल के गोटाबाया राजपक्षे पर देश की आर्थिक स्थिति को चौपट करने का आरोप लगाया है. मालदीव की सरकार ने कहा कि अभी तक राजपक्षे देश के राष्‍ट्रपति हैं और अगर वो देश आना चाहते थे तो उन्‍हें मना नहीं किया जा सकता था.