logo-image

भारत दौरे पर आए Pervez Musharraf को मिला था खास तोहफा, पांच दशक तक सहेज कर रखा

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक और कारगिल युद्ध के सूत्रधार माने जाने वाले जनरल परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था. उनका जन्म यहां के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था.

Updated on: 05 Feb 2023, 09:30 PM

highlights

  • मुशर्रफ ने 79 साल की उम्र में अंतिम सांसें लीं
  • मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 में हुआ था
  • अस्पताल दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के तहत आता है

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक और कारगिल युद्ध के सूत्रधार माने जाने वाले जनरल परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf)  का जन्म दिल्ली में हुआ था. उनका जन्म यहां के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था. मगर उन्हें अपना जन्म प्रमाणपत्र पांच दशक के बाद प्राप्त हुआ. उन्हें 2005 में भारत यात्रा के दौरान यह प्रमाणपत्र मिला. दरअसल, आज​ यानि रविवार को गंभीर बीमारी से जूझते हुए मुशर्रफ का दुबई में निधन हो गया. उन्होंने 79 साल की उम्र में अंतिम सांसें लीं. वह पाकिस्तान में अपने खिलाफ आपराधिक मामलों से बचाव को लेकर संयुक्त अरब अमीरात में स्व-निर्वासन में रह रहे थे. 

दिल्ली में मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 में हुआ था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देश में गंभीर समस्याएं थीं. भारत के स्वतंत्रता आंदोलन ने तेज गति पकड़ ली थी. मुशर्रफ 1947 में भारत के विभाजन के बाद परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे. पुराने रिकॉर्ड खांगलने पर पता लगा कि उनका जन्म यहां के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था. इसे अब गिरधारी लाल प्रसूति अस्पताल के रूप में जाना जाता है. यह दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के तहत आता है. 

ये भी पढ़ें: Pakistan का आर्थिक संकट आतंकवाद को समर्थन, दोषपूर्ण नीतियों का है परिणाम

यह अस्पताल कमला मार्केट के नजदीक बना हुआ है. यह शहर के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है. नगर निगम एक अधिकारी के अनुसार, उनका परिवार पुरानी दिल्ली में रहता था. दरियागंज में एक अन्य अस्पताल भी है. इसे वि​क्टोरिया अस्पताल के नाम से जाना जाता था. स्वतंत्रता के बाद इसका नाम बदलकर कस्तूरता अस्पताल कर दिया गया. 

जब मुशर्रफ ने 2005 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर दौरा किया, तो भारत सरकार ने उन्हें एक विशेष उपहार उनका जन्म प्रमाण पत्र सौंपा था. एक अधिकारी ने बताया कि 1940 के दशक में जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखा जाता था. 60 से अधिक सालों के बाद जन्म प्रमाणपत्र को खोजना आसान काम नहीं रहा होगा. 17 अप्रैल, 2005 को अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान मुशर्रफ ने नयी दिल्ली में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह से अपना जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त किया था. मुशर्रफ 2005 में भारत यात्रा के वक्त अजमेर शरीफ भी गए थे. यहां पर प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर उन्होंने मत्था टेका था. इसके साथ ताजमहल भी देखने गए थे.