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तो ऐसे जासूसी कराता था चीन! FBI ने किया चीनी महिला रिसर्चर को गिरफ्तार, PLA से रहा है नाता

अमेरिका और चीन में तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है. अमेरिका लगातार चीन के खिलाफ प्रतिबंध लगा रहा है. इसी बीच अमेरिका के संघीय जांच ब्‍यूरो (FBI) ने पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) से जुड़ी एक रिसर्चर को गिरफ्तार किया है.

Updated on: 25 Jul 2020, 09:49 AM

वॉशिंगटन:

अमेरिका और चीन में तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है. अमेरिका लगातार चीन के खिलाफ प्रतिबंध लगा रहा है. इसी बीच अमेरिका के संघीय जांच ब्‍यूरो (FBI) ने पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) से जुड़ी एक रिसर्चर को गिरफ्तार किया है. उस पर वीजा फ्रॉड का आरोप है. साथ ही उस पर आरोप है कि  सैन फ्रांसिस्को स्थित वाणिज्‍य दूतावास में छिपी हुई थी. एक अमेरिकी अधिकारी ने आरोप लगाया कि चीन पूरे देश में अपने राजनयिक मिशनों के माध्‍यम से जासूसी कार्यक्रम में जुटा रहा है.

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पीएलए से संबंध छिपाने का आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने कहा कि चीन अमेरिकी बौद्धिक संपदा को चुराने के लिए यहां के बिजनेस, यूनिवर्सिटीज और रिसर्च केंद्रों को निशाना बनाता रहा है. चीनी महिला रिसर्चर पर आरोप लगाया है कि उसने अपने वीजा आवदेन में चीन की सेना के साथ अपने संबंधों के बारे में जानकारी नहीं दी, लेकिन जांचकर्ताओं को जब पीएलए के सिविलियन कैडर के यूनिफॉर्म में उसकी तस्‍वीरें मिलीं तो इस मामले का खुलासा हुआ. वह चीन के शियान स्थित फोर्थ मिलिट्री मेडिकल यूनिवर्सिटी में रिसर्चर के तौर पर काम कर चुकी है.

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पूछताछ के बाद चीनी मिशन में ली शरण
इस चीनी रिसर्चर का नाम तांग जुआन बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक एफबीआई ने उससे 20 जून को पूछताछ की थी. चीनी सेना पीएलए के साथ उसके संबंधों और वीजा आवेदन में यह बात छिपाने को लेकर कई सवाल किए गए थे, जिसके बाद वह सैन फ्रांसिस्‍को स्थित चीनी दूतावास में शरण के लिए पहुंच गई, जिसके करीब एक महीने बाद अब उसे हिरासत में लिया गया है.