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चीन की जुबानी तीर, कहा- नहीं माना भारत तो सैन्य तरीका इस्तेमाल करेगा ड्रैगन

सिक्किम के डाकोला इलाके भारत-चीन सीमा पर तनाव चरम पर है। इस बीच चीन के रक्षा विशेषज्ञ ने कहा है कि अगर भारत चीन की बात नहीं मानता है तो चीन सैन्य तरीकों का इस्तेमाल करेगा।

Updated on: 04 Jul 2017, 05:21 PM

highlights

  • चीनी सेना ने कहा, भारत चीन की बात नहीं मानता है तो चीन सैन्य तरीकों का इस्तेमाल करेगा
  • सिक्किम में भारत-चीन सेना है आमने-सामने, तीन हफ्ते से है तनाव
  • विशेषज्ञ ने कहा, भारत चीन को इसलिए उकसा रहा है क्योंकि वह वॉशिंगटन को खुश रखना चाहता है

नई दिल्ली:

सिक्किम के डाकोला इलाके भारत-चीन सीमा पर तनाव चरम पर है। इस बीच चीन के रक्षा विशेषज्ञ ने कहा है कि अगर भारत चीन की बात नहीं मानता है तो चीन सैन्य तरीकों का इस्तेमाल करेगा।

दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव को लेकर चीन का सरकारी मीडिया और थिंक टैंक यहां तक कह चुका है कि अगर दोनों देशों के बीच पैदा हुआ विवाद को सही तरीके से नहीं संभाला गया तो 'युद्ध भी हो सकता है'।

भारत-चीन के बीच गतिरोध का तीसरा सप्ताह है। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से यह सबसे लंबा तनाव है। चीन चाहता है कि वह सिक्किम के डाकोला से भारतीय सेना पीछे हटे।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के रिसर्च फेलो हू झियोंग ने कहा, 'इतिहास का हवाला देते हुए चीन, भारत को समझाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है और शांति से समस्या के समाधान के लिए ईमानदारी से काम रहा है। अगर भारत नहीं सुनता है, तो फिर चीन के पास समस्या को सुलझाने के लिए सैन्य तरीका आजमाने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचेगा।

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चीन के विशेषज्ञ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे और डोनाल्ड ट्रंप से उनकी मुलाकात का जिक्र करते हुए दावा किया कि भारत चीन को इसलिए उकसा रहा है क्योंकि वह वॉशिंगटन को बताना चाहता है कि भारत में, चीन से टक्कर लेने की क्षमता है।

चीनी विशेषज्ञ हू ने कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की तरह डोनाल्ड ट्रंप नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'ओबामा का मानना था कि भारत उनके लिए इसलिए अहम है क्योंकि दोनों देशों के मूल्य एक जैसे हैं, लेकिन ट्रंप बहुत व्यवहारिक हैं। वह भारत को एक महत्वपूर्ण साथी के तौर पर नहीं देखते, क्योंकि उनकी नजर में भारत, चीन से टक्कर लेने के लिए बहुत कमजोर है।'

हू ने कहा, 'भारत और चीन की सेनाओं के बीच का अंतर 1962 से कहीं ज्यादा बड़ा हो चुका है। मैं उम्मीद करता हूं कि अपनी भलाई के लिए भारत शांत हो जाए।'

चीनी अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भारत के रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 2017 का भारत, 1962 के भारत से अलग है, तो हू ने इस 'धमकी को हंसी में उड़ा दिया।'

सोमवार को रक्षामंत्री अरुण जेटली का जिक्र करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था, 'कुछ हद तक यह कहना सही है कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है, उसी तरह चीन भी अलग है।'

बीते सप्ताह चीन ने भारत को 1962 की सैन्य पराजय से सबक लेने की बात कह कर चेतावनी दी थी, जिस पर जेटली ने कहा था कि 2017 का भारत 1962 का भारत नहीं है।

सिक्किम में भारत, भूटान और चीन के बीच त्रिकोणीय सीमा डाकोला पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तल्ख आमना-सामना होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव है।

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