इजराइल-फिलिस्तीन के बीच सात अक्टूबर से हो रही जंग के दौरान भारतीयों को सुरक्षित देश वापसी की मुहिम भारत सरकार की ओर से ऑपरेशन विजय के तहत की जा रही है. ऑपरेशन विजय के तहत 212 भारतीयों को लेकर पहला चार्टर प्लेन शुक्रवार को पहुंचा था. भारतीयों के इस दल में सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ की बेटी आंचल भी शामिल रहीं. आंचल के सुरक्षित घर लौटने पर परिजनों ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने भारत सरकार व इजराइल सरकार का धन्यवाद दिया. इजराइल में न्यूरोसाइंस पीएचडी छात्रा आंचल ने अनुभव को साझा किया. 7 अक्टूबर की सुबह जो हमने इजराइल में देखा वह बिल्कुल अच्छा नहीं हुआ.
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ये बहुत ही अविश्वसनीय आतंकवादियों का हमला था. ये परिस्थितियां काफी मुश्किल थीं. हम सभी परेशान थे और इसके साथ घरवालों के काफी दूर थे. इसके लेकर घरवाले भी परेशान थे. उन्हें इस बात की चिंता सता रही थी कि बच्चों की हालत क्या होगी.
मां-बाप बातचीत ही कर सकते थे
इजरायल में कहीं पर भी हमला हो सकता है. ऐसे हालात में मां-बाप बातचीत ही कर सकते थे. उन्हें दोस्तों से हमले का पता लगा. उन्होंने बताया कि उनकी इमारत के करीब ही धमाका हुआ. अन्य जगहों पर भी हमले आरंभ कर दिए गए. कई मिसाइलों से हमले हुए. ऐसे में उनके दोस्त ने कहा कि वे सेंटर में आ जाएं. मगर उन्हें विश्वास नहीं हुआ. इसके बाद सरकार की ओर से बनाया गया एप स्टार्ट हो गया. अलर्ट आने शुरू हो गए. उन्हें इतना विश्वास था कि इजराइल सरकार उन्हें कुछ होने नहीं देगी. इजराइल सेना नंबर वन सेना है. इसके बाद भारत सरकार की ओर संपर्क किया गया.
रात को हमारे पास तुरंत कंफर्मेशन आ गया. आंचल ने बताया कि भारत सरकार ने इजराइल से अपने देशवासियों को निकाला. अभी भी देशवासियों को निकालने का काम जारी है. भारत सरकार ने ऑपरेशन अजय से बेहर काम किया है.
Source : News Nation Bureau