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SCO Summit: समरकंद पहुंचे PM मोदी, पुतिन से भी कर सकते हैं मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ समिट में हिस्सा लेने उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद पहुंच चुके हैं. एससीओ (Shanghai Cooperation Organisation) की हेड ऑफ स्टेट समिट में वो हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी ने ट्विटर पर खुद समरकंद पहुंचने की जानकारी दी. यहां वो शुक्रवार को द्विपक्षीय मुलाकातों के क्रम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian Predident Vladimir Putin)...

Updated on: 15 Sep 2022, 11:56 PM

highlights

  • समरकंद पहुंचे पीएम मोदी
  • एससीओ समिट में लेंगे हिस्सा
  • पुतिन से शुक्रवार को कर सकते हैं मुलाकात

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) एससीओ समिट (SCO Summit) में हिस्सा लेने उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) की राजधानी समरकंद (Samarkand) पहुंच चुके हैं. एससीओ (Shanghai Cooperation Organisation) की हेड ऑफ स्टेट समिट में वो हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी ने ट्विटर पर खुद समरकंद पहुंचने की जानकारी दी. यहां वो शुक्रवार को द्विपक्षीय मुलाकातों के क्रम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian Predident Vladimir Putin) और मेजबान उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिरजियोयेव (Uzbekistan President Shavkat Mirziyoyev) के साथ मुलाकात भी कर सकते हैं. ये मुलाकात एससीओ समिट से इतर होंगी. इसके अलावा भी प्रधानमंत्री मोदी अन्य देशों के राष्ट्रध्यक्षों से मुलाकात कर सकते हैं. हालांकि ये अभी से तय नहीं है.

उज्बेकिस्तान के बाद भारत बनेगा अध्यक्ष

एससीओ समिट के दौरान एससीओ के कामकाज और भविष्य के सहयोगों को लेकर चर्चा हो सकती है. मौजूदा समय में एससीओ का अध्यक्ष उज्बेकिस्तान है. इसके बाद भारत एससीओ का अध्यक्ष देश होगा. कोरोना महामारी के बाद ये पहली एससीओ समिट होगी, जहां सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद होंगे. इससे पहले कोरोना महामारी के दौरान सभी तरह की मुलाकातें ऑनलाइन ही हुई थी. आखिरी बाद बिश्केक में जून 2019 की एससीओ बैठक में सभी देशों के राष्ट्रध्यक्ष मिले थे.

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एससीओ में ये देश शामिल

मौजूदा समय में एससीओ के 8 पूर्णकारिक सदस्य देश हैं, जिसमें चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिज्स्तान, रूस, पाकिस्तान, तजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल है. इशके अलावा चार ऑब्जर्वेर देश हैं, जो एससीओ की सदस्यता लेने में उत्सुक हैं. इन चारों देशों में अफगानिस्तान, बेलारुस, ईरान और मंगोलिया है. वहीं, एससीओ समिट में 6 डॉयलाग पार्टनर भी शामिल हो रहे हैं, जिसमें आर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की शामिल हैं.

साल 1996 में शंघाई 5 के तौर पर हुई थी शुरुआत

बता दें कि एससीओ का पुराना नाम 'शंघाई 5' है. जो साल 1996 में गठिन किया गया था. इसे 2001 में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेश (SCO) नाम मिला. इसमें साल 2001 में उज्बेकिस्तान शामिल हुआ, तो साल 2017 में भारत और पाकिस्तान को एक साथ एंट्री मिली. आज एससीओ दुनिया के सबसे बड़े संगठनों में से है, जिसके सदस्य देशों के पास वैश्विक जीडीपी का 30 फीसदी हिस्सा है, तो दुनिया की आबादी की 40 फीसदी जनता.