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Russia Ukraine war( Photo Credit : Social Media)
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले काफी लंबे समय से युद्ध जारी है. इस बीच, शनिवार को रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर हमला कर दिया. हमला यूक्रेन के प्रमुख शहर खार्किव में हुआ है. हमले में तीन लोगों की मौत हो गई तो वहीं करीब 30 लोग घायल हो गए. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने एक क्षतिग्रस्त बिल्डिंग की एक फोटो सोशल मीडिया पर साझा की. उन्होंने कहा कि रूस ने एक बार फिर खार्किव पर हमला कर दिया. हमले में तीन लोगों की मौत हो गई.
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जेलेंस्की ने साझेदारों से किया आग्रह
टेलीग्राम पर जेलेंस्की ने कहा कि रूस के आतंक और हमलों को रोका जाना चाहिए. हम अपने साझेदारों से आतंक के खिलाफ मजबूत निर्णय लेने का आग्रह करते हैं, जिससे हम रूसी लड़ाकू विमानों को नष्ट कर सके. इसके अलावा, यूक्रेन के आंतरिक मंत्री इगोर क्लिमेंको ने बताया कि हमले में 29 लोग घायल हुए हैं. दो बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हमले में बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है.
यूक्रेन के ऊर्जा सुविधाओं पर रूस का हमल
यूक्रेन की सेना का कहना है कि रूस ने हमारे कई क्षेत्रों में ऊर्जा अवसंरचना पर 16 क्रूज मिसाइलों और 13 हमलावर ड्रोनों को भी लॉन्च किया. यूक्रेनी ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि तीन महीनों में यह रूस का ऊर्जा अवसंरचना सुविधाओं पर आठवां बड़ा हमला है.
रूस ने की हमले की पुष्टि
मामले में रूस ने कहा कि उन्होंने यूक्रेनी ऊर्जा सुविधाओं पर ड्रोन से हमला किया है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि हमने गोला-बारूद रखने वाले गोदामों को निशाना बनाया है, इन गोदामों में पश्चिमी देशों द्वारा दिए गए हथियार भी रखे हुए थे. जेलेंस्की की मानें तो रूसी हमलों ने यूक्रेन की आधी ऊर्जा क्षमता को बर्बाद कर दिया है.
रूस-यूक्रेन युद्ध कैसे शुरू हुआ था?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 23 फरवरी 2022 की रात को यूक्रेन के खिलाफ जंग का एलान किया था. 24 फरवरी की तड़के यूक्रेन की राजधानी कीव और आसपास के शहरों में हवाई हमले होने लगे. रूस के हमलों से दुनिया में हड़कंप मच गया. इसके बाद यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई की. युद्ध के कारण दुनिया दो धड़ों में बंट गई. यूक्रेन के लिए नाटो देश साथ आ गए. अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड, फ्रांस सहित कई देश अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन को मदद देने लगे. वहीं, रूस की ओर से चीन, दक्षिण कोरिया, ईरान जैसे देश अप्रत्यक्ष रूप से साथ आ गए. हालांकि, भारत ने किसी का पक्ष नहीं लिया. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि भारत सार्वजनिक रूप से युद्ध की समाप्ति के लिए प्रतिबद्ध है.
Source : News Nation Bureau