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वाड्रा के करीबी भंडारी पर कसा शिकंजा, बेल पर ब्रिटेन में 13 को सुनवाई

भारत में धनशोधन के आरोपों में वांछित भगोड़ा अपराधी एवं आर्म्स डीलर संजय भंडारी के प्रत्यर्पण मामले को देख रही ब्रिटेन की एक अदालत ने उसकी जमानत 13 मई तक बढ़ा दी है.

Updated on: 08 May 2021, 02:52 PM

highlights

  • रॉबर्ट वाड्रा का करीबी है भगौड़ा आर्म्स डीलर संजय भंडारी
  • भारत सरकार ने ब्रिटेन में कर रखी है प्रत्यपर्ण पर मांग
  • 13 मई को होगी जमानत पर सुनवाई, फिर होगा अंतिम फैसला

लंदन/नई दिल्ली:

ब्रिटेन में हथियार कारोबारी संजय भंडारी की जमानत पर अब 13 मई को सुनवाई होगी. भारतीय एजेंसियां मनी लांड्रिंग केस (धन को अवैध रूप से देश से बाहर भेजे जाने का मामला) में भंडारी की हिरासत चाहती हैं इसलिए उसके प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश कोर्ट में अर्जी दे रखी है. ऐसे में भारत में धनशोधन के आरोपों में वांछित भगोड़ा अपराधी एवं आर्म्स डीलर संजय भंडारी के प्रत्यर्पण मामले को देख रही ब्रिटेन की एक अदालत ने उसकी जमानत 13 मई तक बढ़ा दी है. प्रत्यर्पण वारंट पर जुलाई 2020 में गिरफ्तार किए गए एवं भारत को अपने प्रत्यर्पण का विरोध कर रहे भंडारी से जुड़े मामले की सुनवाई शुक्रवार को होनी थी, लेकिन जिला न्यायाधीश माइकल स्नो ने इसे अगले सप्ताह तक के लिए टाल दिया जिससे और अधिक सूचना उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार को समय मिल सके. संजय भंडारी भारत के वीवीआईपी और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा का करीबी बताया जाता है.

ब्रिटेन में है भंडारी
मामले में पूर्ण सुनवाई की तारीख सात जून से 11 जून के बीच रखी गई है, लेकिन अगले सप्ताह होने वाली मामला प्रबंधन सुनवाई में कुछ मुद्दों की वजह से इन तारीखों में बदलाव किए जाने की संभावना है. धनशोधन के आरोपों में भंडारी भारत में वांछित है. वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज किए गए मामलों में जांच का सामना कर रहा है. भंडारी के प्रत्यर्पण के भारत सरकार के आग्रह का पिछले साल 16 जून को ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल ने सत्यापन कर दिया था और एक महीने बाद 15 जुलाई को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में उसे जमानत मिल गई थी.

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सुनवाई के बाद कोर्ट देगा फैसला
अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट फैसला देगा. भंडारी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने मुकदमा दर्ज कर रखा है, जबकि सीबीआइ ने अन्य मामलों में मुकदमे दर्ज कर रखे हैं. दरअसल ईडी को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के जरिये ये पता चला था कि संजय भंडारी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कई कंपनियों के जरिये काफी ज्यादा पैसा विदेश में ट्रांसफर किया था, जिसकी जांच ईडी मनी लॉन्ड्रिंग और ब्लैक मनी एक्ट के तहत कर रही थी. ईडी ने कोर्ट को बताया जांच में यह पाया गया कि कर चोरी के लिए भंडारी ने अपने सहयोगियों के साथ मिल कर विदेशों में काला धन छिपाया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. एजेंसी ने दावा किया कि भंडारी की विभिन्न देशों में संपत्ति है और पनामा की एक कंपनी से भी उसके वित्तीय हित जुड़े हैं.