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आ गई कोरोना की दवा, यूरोप में कोविड-19 की पहली दवा के रूप में रेमडेसिवीर को मिली मान्यता

परीक्षण के दौरान अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों को जल्द स्वस्थ्य होने में इस दवा से मदद मिली थी. औषधि एजेंसी का कहना है कि वह रेमडेसिवीर को सशर्त विपणण की मान्यता दे रही है.

Updated on: 26 Jun 2020, 06:36 AM

लंदन:

कोरोना वायरस महामारी की चपेट में पूरा विश्व है. विश्व भर के वैज्ञानिक इसकी दवा बनाने और वैक्सीन बनाने की कोशिश में हैं. इसी बीच यूरोपीय ने कोविड-19 के इलाज के लिए पहली दवा के रूप में रेमडेसिवीर को मान्यता दे दी है. परीक्षण के दौरान अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों को जल्द स्वस्थ्य होने में इस दवा से मदद मिली थी. औषधि एजेंसी का कहना है कि वह रेमडेसिवीर को सशर्त विपणण की मान्यता दे रही है.

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इसका उपयोग 12 साल से ज्यादा आयु वाले ऐसे मरीजों पर किया जाएगा, जिन्हें न्यूमोनिया है और ऑक्सीजन की जरूरत है. एजेंसी ने कहा कि रेमडेसिवीर यूरोपीय संघ में कोविड-19 के इलाज के लिए मान्यता पाने वाली पहली दवा है. पिछले महीने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने इस दवा को कोविड-19 मरीज को आपात स्थिति में देने की अनुमति दी थी.

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पतंजलि ने भी किया दवा बनाने का दावा
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने भी कोरोना की दवा कोरोनिल बनाने का दावा किया है. भारत में कोरोना की पहली आयुर्वेदिक दवा के रूप इसे प्रचारित किया गया है. हालांकि सरकार की तरफ से दवा की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. कंपनी का दावा था कि दवा को बेचने के लिए सभी इजाजत ले ली गई हैं और दवा का क्लीनिकल ट्रायल भी किया गया है लेकिन सरकार की ओर से ऐसी किसी भी बात से इनकार कर दिया गया है.