पुतिन ने कहा, अफगानिस्तान में जल्द शांति स्थापना बहुत जरूरी
ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया. सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में जल्द से जल्द शांति स्थापना बहुत जरूरी है.
highlights
- सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया
- पुतिन ने कहा, अफगानिस्तान में स्थिति अभी तक साफ नहीं है
- अफगान संकट के लिए अमेरिकी सेनाओं के हटने को जिम्मेदार ठहराया
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को पांच देशों के समूह ब्रिक्स के सालाना शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो गई. वर्चुअल तरीके से आयोजित होने वाले इस शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान के ताजा हालात पर व्यापक रूप से चर्चा की गई. ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने अफगानिस्तान का मुद्दा उठाया. सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में जल्द से जल्द शांति स्थापना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति अभी तक साफ नहीं है. समिट में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान संकट के लिए अमेरिकी सेनाओं के हटने को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के अफगानिस्तान से जाने की वजह से यह नया संकट खड़ा हुआ है. अभी भी यह साफ नहीं है कि इससे रीजनल और ग्लोबल सिक्योरिटी पर क्या असर पड़ेगा. यह अच्छी बात है कि ब्रिक्स देशों ने इस पर फोकस किया है. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की दुनिया में साख बढ़ी है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी देश की संप्रभुता में दखल देना स्वीकार नहीं है.
वहीं ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि अध्यक्षता करना हमारे लिए खुशी की बात है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की है. आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज हैं. विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर इस समिट की अध्यक्षता करना मेरे मेरे और भारत के लिए खुशी की बात है. आज की इस बैठक के लिए हमारे पास विस्तृत एजेंडा है.
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अगले 15 साल के लिए ब्रिक्स का रोल अहम हो
मोदी ने कहा कि ब्रिक्स ने न्यू डेवलपमेंट बैंक, एनर्जी रिसर्च कॉर्पोरेशन जैसे प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं। गर्व करने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। यह भी जरूरी है कि हम आत्मसंतुष्ट ना हों। हमें ये निश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 सालों के लिए उपयोगी हो। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता कर रहे हैं। इससे पहले वे 2016 में गोवा में हुई ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता कर चुके हैं।
जिनपिंग बोले- फ्यूचर के लिए साथ काम करेंगे
चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग ने कहा- ये ब्रिक्स की 15वीं एनिवर्सरी है। पिछले 15 साल में हमने राजनीतिक विश्वास बढ़ाया है और कूटनीतिक बातचीत को बढ़ावा दिया है। हमने एक-दूसरे से बातचीत का मजबूत रास्ता निकाला। हमने कई क्षेत्रों में प्रगति की है। हम अपने साझा विकास की यात्रा साथ-साथ कर रहे हैं.
ब्रिक्स के भविष्य को मजबूत करेंगे - जिनपिंग
इस साल की शुरुआत से हमारे सहयोगी देश महामारी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं और कई क्षेत्रों में हमने प्रगति भी की है. ब्रिक्स के भविष्य के लिए हम मिलकर काम करेंगे. हम अपनी चुनौतियों से निपटने के लिए साझा संसाधनों के आधार पर रणनीति बनाएंगे. ब्रिक्स के भविष्य को मजबूत करेंगे.
ब्रिक्स में ये देश हैं शामिल
ब्रिक्स पांच देशों ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका का एक ग्रुप है। यह 2011 में बना था। इस ग्रुप को बनाने का मकसद वेस्टर्न कंट्रीज के इकोनॉमिक और पॉलिटिकल दबदबे का मुकाबला करना है। ब्रिक्स ने वॉशिंगटन में मौजूद इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्ड बैंक के मुकाबले अपना खुद का बैंक बनाया है।
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