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पीएम मोदी ने रोहिंग्या मुस्लिमों पर जताई चिंता, कहा- भारत म्यांमार की चुनौतियों को समझता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू के साथ हुए साझा प्रेस कांफ्रेंस में रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे को भी उठाया।

Updated on: 06 Sep 2017, 02:29 PM

नई दिल्ली:

म्यांमार की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के साथ रिश्तों को मज़बूत करने पर जोर दिया है। साथ ही उन्होंने स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ हुए साझा प्रेस कांफ्रेंस में रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे को भी उठाया।

उन्होंने कहा कि भारत म्यांमार की चुनौतियों को समझता है और यहां पर शांति स्थापित करने के लिए हर संभव मदद करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी की म्यांमार यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब 1,25,000 रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश की सीमा पर हैं और उनको लेकर म्यांमार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ रहा है। राखाइन में रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ वहां की सेना कार्रवाई कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भारत म्यांमार की चुनौतियों में उसके साथ है।

सू की और प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की और संबंधों को मज़बूत बनाने पर जोर दिया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने राखाइन प्रांत में हो रही हिंसा पर चिंता भी जताई। साथ ही आम नागरिकों और सैनिकों के मारे जाने पर भी चिंता व्यक्त की।

सूकी के साथ साझा बयान में पीएम मोदी ने कहा, 'शांति के लिए आप जिन चुनौतियों का सामना आप कर रहे हैं, उसे हम समझते हैं।'

प्रधानमत्री ने कहा, 'म्यांमार की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिये सभी पक्षों को मिलकर काम करना चाहिये।'

म्यांमार से पलायन कर रोहिंग्या मुस्लिम भारत आ रहे हैं। करीब 40 हजार रोहिंग्या शरणार्थी भारत में गैरकानूनी तौर पर रह रहे हैं। इधर भारत सरकार उन्हें वापस भेजने की तैयारी कर रही है।

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सू की ने म्यांमार के आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाने के लिये भारत का धन्यवाद भी दिया।

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि यहां मेरा जिस गर्मजोशी से स्वागत हुआ है, मुझे ऐसा लग रहा है जैसे में अपने ही घर में हूं।

उन्होंने घोषणा की कि म्यामांर के नागरिकों को भारत ग्रातिस (मुफ्त) वीजा उपलब्ध कराएगा।

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