पाकिस्तान की जानी-मानी मानव अधिकार कार्यकर्ता गुलाली इस्मालइन ने अपने ही देश का चेहरा बेनकाब कर दिया है. गुलाली इस्माइल का आरोप है पाकिस्तान की एंजेंसियां वहां की उन ओरतों में डर पैदा करना चाहती हैं जो अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की हिम्मत दिखाती हैं. उनका आरोप है कि उनके पिता को पेशावर हाईकोर्ट के बाहर से किडनैप कर लिया गया है. उनका कहना है कि पाकिस्तानी एजेंसियों ने ऐसा इसलिए किया है ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके.
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गुलाली इस्माइल ने बताया कि आज मेरे पिता को पेशावर हाईकोर्ट के बाहर से किडनैप कर लिया गया. मेरे पिता एक केस के सिलसिले में गए हुए थे. जैसे ही वो बाहर आकर कार पार्किंग की तरफ गए उन्हें किडनैप कर लिया गया. सभी लोगों ने ब्लैक मिलिशिया ड्रेस पहनी हुई थी. वो मेरे पिता को एक काली गाड़ी में लेकर गए. हमें नहीं पता उन्हें कहां ले जाया गया है.
पाकिस्तान में पहले लोगों का अपहरण किया जाता है. फिर उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाता है, और अगर मेरे पिता ने कोई गुनाह किया है तो उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए. मेरे पिता को अपनी बात कहने का पूरा मौके मिलना चाहिए, लेकिन इसकी जगह मेरे पिता का पाकिस्तानी एजेंसियों ने अपहरण कर लिया. ऐसा मुझे खामोश करने के लिए किया गया है.
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गुलाली इस्माइल ने यूएस से राजनीतिक शरण मांगते हुए कहा पाकिस्तानी एजेंसियों मेरे लिए पाकिस्तान में मुश्किलें खड़ी की. अब ये मेरे परिवार के साथ भी ऐसा ही कर रहे हैं. पाकिस्तान में मासूम लोगों की आवाज़ें दबाई जा रही हैं.पहले मुझपर अत्याचार किए गए.अब मेरे पिता पर किए जा रहे हैं. बता दें, गुलाली पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए उम्मीद के नए चेहरे के तौर पर उभरी हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो