logo-image

पाकिस्तानी तालिबान का बड़ा हमला, मुठभेड़ में PAK आर्मी के 6 जवानों की मौत

पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) के बयान के मुताबिक दक्षिण वजीरिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के टैंक जिले में एफसी लाइन पर यह हमला हुआ. हमले में सेना के लगभग 30 जवान घायल हो गए.

Updated on: 31 Mar 2022, 09:24 AM

highlights

  • प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी ली है
  • दक्षिण वजीरिस्तान की सीमा पर खैबर पख्तूनख्वा के टैंक जिले में FC लाइन पर हमला
  • मुठभेड़ में 3 हमलावर मारे गए और पाकिस्तान सेना के लगभग 30 जवान घायल हो गए

New Delhi:

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के टैंक जिले में पैरामिलिट्री फोर्स के कैंप (Pakistan Paramilitry Force Camp) पर आतंकी हमले में कम से कम छह सैनिकों की मौत हो गई. मुठभेड़ में तीन आतंकी हमलावरों के मारे जाने की खबर भी सामने आई है. प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने हमले की जिम्मेदारी ली है. यह आतंकी संगठन पाकिस्तानी तालिबान के नाम से भी जाना जाता है. पाकिस्तानी सेना ने हमले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ में तीन हमलावरों को मार गिराया. इसके बाद टैंक जिले की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया.

पाकिस्तानी सेना के बयान के मुताबिक दक्षिण वजीरिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के टैंक जिले में एफसी लाइन पर यह हमला हुआ. हमले में सेना के लगभग 30 जवान घायल हो गए. टैंक जिले के पुलिस अधिकारी जाहिद खान ने बताया कि घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं हमले के बाद पैरामिलिट्री फोर्स ने हालात पर काबू पा लिया है.

पीएम इमरान की वादाखिलाफी हमले की वजह- टीटीपी

हमले के पीछे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की प्रतिबंधित संगठन के साथ की गई वादाखिलाफी को वजह माना जा रहा है. जानकारी के मुताबिक बीते साल नवंबर महीने में पाकिस्तान सरकार और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने एक महीने के सीजफायर का ऐलान किया था. पाकिस्तान सरकार की तरफ से TTP के लड़ाकों को छोड़ने का वादा भी किया गया था. इमरान सरकार ने जब अपना वादा पूरा नहीं किया तो TTP ने एकतरफा सीजफायर तोड़ दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान के सुरक्षा बलों पर हमला कर उनको मारना शुरू कर दिया.

ये भी पढ़ें - पाकिस्तानः संकट में घिरे PM इमरान खान, सत्ता के साथ ही जान के भी पड़े लाले

पाकिस्तान में शरिया के मुताबिक सरकार चाहती है टीटीपी

पाकिस्तानी तालिबान कहे जाने वाले संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की स्थापना दिसम्बर 2007 में हुई थी. अफगानिस्तान बॉर्डर के पास कबायली इलाकों में इसका अच्छा खासा प्रभाव रहा है. इस संगठन का मकसद पाकिस्तान में शरिया पर आधारित एक कट्टरपंथी इस्लामी सरकार को कायम करना है. पाकिस्तान में कट्टरपन्थी सरकार को कायम करने की राह में मौजूदा इमरान खान सरकार को रोड़ा मानकर टीटीपी ने लगातार संघर्ष का रूख अपना लिया है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान में टीटीपी को विपक्ष के कुछ बड़े नेताओं का समर्थन भी हासिल है.