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पाकिस्तानः संकट में घिरे PM इमरान खान, सत्ता के साथ ही जान के भी पड़े लाले

पाकिस्तान का सियासी संकट गहराता जा रहा है. एक तरफ विपक्षी पार्टियां इमरान सरकार को हटाने के लिए लामबंद नजर आ रही है. वहीं, इमरान खान इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है.

Updated on: 31 Mar 2022, 09:14 AM

highlights

  • दो सहयोगी पार्टियों ने छोड़ा साथ
  • संसद में अल्पमत में आई PTI
  • इमरान का इस्तीफा देने से इनकार

नई दिल्ली:

पाकिस्तान का सियासी संकट गहराता जा रहा है. एक तरफ विपक्षी पार्टियां इमरान सरकार को हटाने के लिए लामबंद नजर आ रही है. वहीं, इमरान खान इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. हालांकि, इमरान खान ने सेना अध्यक्ष से मुलाकात के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन डाल दिया है. इस बीच इमरान के दो सहयोगियों के साथ छोड़ने से संसद में उनकी स्थित कमजोर पड़ती नजर आ रही है. 5 सांसदों वाली बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के बाद 7 सांसदों वाली मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट ने भी बुधवार को इमरान सरकार से खुद को अलग कर लिया है. इसके साथ ही इमरान खान संसद में अल्पमत में आ गए हैं. ऐसे में इमरान सरकार का जाना तय माना जा रहा है. इस बीच पार्टी PTI के वरिष्ठ नेता फैसल वावडा ने 30 मार्च की देर रात कहा कि इमरान की हत्या की साजिश रची गई है. उन्हें सार्वजनिक समारोह पर संबोधित करते समय सतर्क रहने को कहा गया है. 

पार्टी को अब भी जीत की उम्मीद
इमरान खान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की विशेष बैठक के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री राशिद ने मीडिया को संबोधित किया. जब उनसे पूछा गया कि क्या अपने संबोधन के दौरान इमरान खान इस्तीफा दे देंगे? इस सवाल के जवाब में राशिद ने कहा कि किसी भी हालत में नहीं, वह अंतिम गेंद तक खेलेंगे। वहीं, फवाद चौधरी ने कहा कि इस वक्त जो सूरत-ए-हाल है, ऐसा लग रहा है कि 1992 वर्ल्ड कप का मैच हो. ऐसा लग रहा है कि हम पीछे हैं, लेकिन ऐसा है नहीं है. अभी आप देखेंगे कि मैच पलटेगा और आखिरी बाजी हम ही जीतेंगे। गौरतलब है कि फवाद चौधरी का यह बयान पीएम इमरान खान के इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम से मुलाकात के कुछ घंटों बाद आया है.

आर्मी चीफ बाजवा से मुलाकात के बाद संबोधन टाला 
आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से मुलाकात के बाद इमरान खान ने राष्ट्र के नाम अपना संबोधन टाल दिया है. दरअसल,
इमरान खान राष्ट्र को संबोधित करने वाले थे, लेकिन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ नदीम अंजुम से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना संबोधन फिलहाल टाल दिया है. पाकिस्तान के दोनों बड़े अफसर अचानक इमरान खान से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे. यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है, जब इमरान सरकार के ऊपर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इस मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है. इस बीच इमरान के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि सेना प्रमुख ने इमरान खान से अपना इस्तीफा नहीं मांगा है. वो अपना पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे. 

इमरान की जान को खतरा
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की जान को खतरा बताया जा रहा है. बताया जाता है कि उन्हें बुलेट प्रूफ शील्ड इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. यह दावा उनकी पार्टी PTI के वरिष्ठ नेता फैसल वावडा ने 30 मार्च की देर रात को किया. हावड़ा ने कहा कि इमरान की हत्या की साजिश रची गई है. लिहाजा, उन्हें सार्वजनिक समारोह पर संबोधित करते समय सतर्क रहने को कहा गया है.  फैसल वावडा ने आगे कहा कि पीएम इमरान खान बहुत ही बहादुर हैं. वे देश को दांव पर नहीं लगाएंगे और न ही किसी के आगे झुकने देंगे. उन्होंने कहा कि देश की विदेश नीति को लेकर पीएम इमरान खान का रुख स्पष्ट है. अब पाकिस्तान किसी के युद्ध का हिस्सा नहीं बनेगा. फैसल ने कहा कि देश के एयरबेस पड़ोसी देशों पर हमला करने के लिए किसी को नहीं दिए जाएंगे.

पीएम इमरान का झुकने से इनकार
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से उनकी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं. पीएम इमरान ने अपनी रैली के दौरान कहा था कि पाकिस्तान में सरकार बदलने के लिए विदेशी पैसे के जरिए कोशिश की जा रही है. हमारे लोगों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ज्यादातर अनजाने में, लेकिन कुछ लोग हमारे खिलाफ पैसे का इस्तेमाल कर रहे हैं. हम पर दबाव डालें. हमें लिखित में धमकी दी गई है. लेकिन हम राष्ट्रीय हित से समझौता नहीं करेंगे.

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तीन अप्रैल को होगा अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 
विपक्षी की ओर से संसद में पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद 3 अप्रैल को चर्चा होने की संभावना है. इससे पहले इमरान खान ने अपनी पार्टी के सदस्यों को सख्त निर्देश दिया कि वह अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दिन या तो सदन में अनुपस्थित रहें या फिर मतदान में भाग नहीं लें. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान तीन अप्रैल को होने की संभावना है. गौरतलब है कि  वर्ष 2018 में 'नया पाकिस्तान' बनाने का वादा करके इमरान सत्ता में आये, लेकिन बेलगाम महंगाई पर नियंत्रण पाने में सरकार की विफलता ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ एक मौका दे दिया. खास बात ये है कि पाकिस्तान में अब तक कोई प्रधानमंत्री पांच साल का कार्यकाल नहीं पूरा कर सकता है. वहीं, 35 साल सेना प्रत्यक्ष तौर पर राज किया है. 

यह है पाक संसद का गणित
पाकिस्तान में गत आठ मार्च को नेशनल असेंबली में विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद देश में राजनीतिक स्थिरता उत्पन्न हो गई है. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए नेशनल असेंबली के सत्र का आयोजन गुरुवार को होगा.  इमरान खान को सरकार बचाने के लिए 342 सदस्यीय संसद (नेशनल असेंबली) में 172 मत की जरूरत पड़ेगी. इमरान खान की पीटीआई के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास 179 सदस्यों का समर्थन था. लेकिन अब, एमक्यूएम-पी के पार्टी छोड़ने के बाद, पीटीआई के पास 164 सदस्य ही रह गए हैं. वहीं, विपक्ष के पास अब नेशनल असेंबली में समर्थकों की संख्या 177 हो गई है. इसके अलावा PTI के 24 सांसद के भी बागी होने की खबर है. ऐसे में इमरान खान का अविश्वास प्रस्ताव जीत पाना नामुमकिन लगता है. 

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शहबाज शरीफ होंगे अगले पीएम
पाक पीएम इमरान खान ने सत्तारूढ़ गठबंधन के एक मुख्य सहयोगी दल के विपक्षी खेमे से जा मिलने के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही बुधवार को संसद में बहुमत खो दिया. दरअसल, एमक्यूएम-पी के पास सात सांसद हैं. एमक्यूएम के पाला बदलने के बाद जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में अब विपक्ष के पास 175 सांसद हैं. यह पहले ही ऐलान किया जा चुका है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को इमरान खान के हटने के बाद नया प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. इससे पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) नीत गठबंधन सरकार के अहम सहयोगी दल मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने इस्लामाबाद में प्रेस कांफ्रेंस कर ऐलान किया कि वह विपक्षी खेमे में शामिल हो गया है. एमक्यूएम-पी प्रमुख खालिद मकबूल सिद्दीकी ने कहा कि हम सहिष्णुता और सच्चे लोकतंत्र की राजनीति के लिए नई शुरुआत करना चाहते हैं. सात सांसदों वाले दल MQM-P के साथ छोड़ने से इमरान सरकार ने सदन में स्पष्ट रूप से बहुमत खो दिया है. इससे पहले सरकार के एक अन्य सहयोगी और पांच सांसद रखने वाले दल बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) ने सोमवार को ही ऐलान कर दिया था कि उसने इमरान सरकार के खिलाफ मतदान करने के विपक्ष की पेशकश को स्वीकार कर लिया है.