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...तो कांग्रेस की जगह लेने के लिए AAP को करना होगा 20 साल का इंतजार

आम आदमी पार्टी (AAP) राष्ट्रीय स्तर पर पैर पसारने में जुट गई है. इस बीच चुनावी रणनीतिकार (Poll Strategist) प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने जो कुछ कहा है, वह आपके लिए किसी झटके से कम नहीं है.  

Updated on: 30 Mar 2022, 02:32 PM

highlights

  • 2019 में आप को मिले थे कुल 27 लाख वोट
  • केंद्र में सरकार बनाने के लिए चाहिए 22 वोट
  • लक्ष्य तक पहुंचने में आप को लगेंगे 20 वर्ष

नई दिल्ली:

दिल्ली के बाद पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election Result 2022) में एकतरफा जीत के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) राष्ट्रीय स्तर पर पैर पसारने में जुट गई है. पार्टी के रणनीतिकार अभी से इस साल के आखिर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में जुट गए हैं. पार्टी की कोशिश देश में कांग्रेस का स्थान हासिल करने की है.  इस बीच चुनावी रणनीतिकार (Poll Strategist) प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने जो कुछ कहा है, वह आपके लिए किसी झटके से कम नहीं है.  पीके की माने तो आम आदमी को केंद्र की सत्ता हासिल करने में 20 साल का लंबा इंतजार करना होगा.

प्रशांत किशोर ने आंकड़ों से ऐसे समझाया
एक समाचार समूह से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आंकड़ों की मदद से समझाते हुए कहा कि केंद्र में सत्तासीन भाजपा को टक्कर देने के लिए आम आदमी पार्टी को अभी लंबा इंतजार करना होगा. उन्होंने कहा कि आप को भाजपा का स्थान लेने के लिए 15 से 20 साल इंतजार करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आप को कुल 27 लाख वोट मिले थे. इसके आगे उन्होंने कहा कि केंद्र में जीतने के लिए किसी भी पार्टी 20 करोड़ से ज्यादा वोटों की जरूरत होती है. ऐसे में 27 लाख से 20 करोड़ वोटों तक का सफर तय करने में आपको 15-20 वर्ष और खपाना पड़ेगा, तब जाकर पार्टी भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की हालत में पहुंच पाएगी. उन्होंने कहा कि चुनाव कोई चमत्कार नहीं है, जो रातों रात हो जाएगा. उन्होंने कहा कि एक- दो राज्य में जीत अलग बात हो सकती है लेकिन लोकसभा चुनाव जीतना अलग बात है.

सिर्फ भाजपा और कांग्रेस ही है राष्ट्रीय पार्टी
प्रशांत ने आगे कहा कि नियम के आधार पर तो कोई भी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी का तमगा हासिल कर सकती है, लेकिन लोकसभा चुनाव जीतकर केंद्र की सत्ता में काबिज होना अलग बात है. उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में अभी तक सिर्फ कांग्रेस और भाजपा ही पूरे देश की पार्टी बन पाई है. उन्होंने साथ ही जोड़ा कि इसका ये मतलब नहीं है कि कोई और दल ऐसा मुकाम हासिल नहीं कर सकती है लेकिन उसे कम से कम 15-20 साल तक प्रयास करना होगा. रातों रात ये बदलाव तो होने से रहे. बीजेपी आज जिस हैसियत में है वहां आने में उसे 50 साल का वक्त लगा. बीजेपी ने 1978 में कोशिश शुरू की थी और सालों बाद उन्हें साझेदार सरकार बनाने में सफलता मिली थी.

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2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बंपर वोट
भाजपा को 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2019 लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर जन समर्थन मिला था. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 2014 के आम चुनाव में भाजपा को कुल 17.16 करोड़ वोट मिले थे. वहीं, 2019 आम चुनाव में बढ़कर 22.90 करोड़ हो गए थे. 2019 में भाजपा को उत्तर प्रदेश में  (4.28 करोड़), पश्चिम बंगाल में (2.30 करोड़), मध्य प्रदेश में (2.14 करोड़), राजस्थान में (1.90 करोड़), गुजरात में (1.80 करोड़) और महाराष्ट्र में (1.49 करोड़ )वोट मिले थे.

वोट के मामले में कांग्रेस अब भी है दूसरे नंबर की पार्टी
वहीं अगर अखिल भारतीय वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस अपने इस बुरे वक्त में भी  देश में दूसरे नंबर की पार्टी बनी हुई है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने 2019 के आम चुनाव में तकरीबन 12 करोड़ वोट हासिल किए थे. इन चुनावों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2014 लोकसभा चुनाव (19.3%) की तुलना में बढ़कर 19.5 फीसदी पहुंच गया. कांग्रेस को 2019 चुनाव में एक करोड़ 25 लाख से ज्यादा वोट मिले थे.