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ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन से चिढ़ा पाकिस्तान, इमरान ने बुलाई बैठक 

टोक्यो ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन से देशभर में जश्न का माहौला है. खिलाड़ियों के स्वागत में पूरा देश उमड़ पड़ा है. वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान को भारत की इस उपलब्धि से मिर्ची लग गई है.

Updated on: 11 Aug 2021, 01:30 PM

इस्लामाबाद:

टोक्यो ओलंपिक में भारत के प्रदर्शन से देशभर में जश्न का माहौला है. खिलाड़ियों के स्वागत में पूरा देश उमड़ पड़ा है. वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान को भारत की इस उपलब्धि से मिर्ची लग गई है. पाकिस्तान के एथलीटों के खस्ताहाल प्रदर्शन को देखते हुए पाक पीएम इमरान खान ने खेल मंत्री फहमिदा मिर्जा को बैठक के लिए बुलाया है. पाकिस्तान को ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं मिला है जबकि उसे 10 एथलीट टोक्यो गए थे. पाकिस्तान के खिलाड़ियों में सबसे अच्छा प्रदर्शन जैवलिन थ्रो में अरशद नदीम और वेटलिफ्टर तलहा तालिब ने किया. दोनों ने टॉप पांच में जगह बनाई. भारत के शानदार प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान में खेलों पर ध्यान देने के लिए फुसफुसाहट शुरू हो गई है.  

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खिलाड़ी पीएम को खेल से अधिक उम्मीद
दरअसल क्रिकेट से राजनीति में आए प्रधानमंत्री इमरान खान अब खेलों पर ध्यान देना चाहते हैं. अभी उनके कार्यकाल में दो साल का समय बाकी है. ऐसे में वह चाहते हैं कि क्रिकेट के अलावा भी अन्य खेलों में पाकिस्तान का प्रदर्शन बेहतर हो. पाकिस्तान के मंत्री असद उमर ने खुद एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि इमरान खान ने खेलों पर ध्यान देने के लिए कहा है. मंत्री ने बातचीत में यह भी माना कि उनकी सरकार पिछले तीन साल के कार्यकाल में खेलों पर उतना ध्यान नहीं दे पाई जितना उन्हें देना चाहिए था. इमरान खान इस स्थिति को बदलना चाहते हैं और देश में आधुनिक स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट बनाए जाने की योजना है.

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गौरतलब है कि इस टोक्यो ओलंपिक ने भारत ने एक गोल्ड सहित सात पदक जीते हैं. यह ओलंपिक में भारत का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन है. दूसरी तरफ पाकिस्तान महज एक मेडल के लिए जूझता रहा जिसे वह भी नसीब नहीं हुआ. पाकिस्तान में खेलों की निगरानी करने वाले पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड ने सरकार को एक वित्त वर्ष में 44 करोड़ रुपये लौटाए थे, क्योंकि इसका इस्तेमाल नहीं हो पाया था. पाकिस्तानी खेल मंत्री ने बताया कि सरकार हर साल 100 करोड़ रुपये पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड को देती है. इसमें से 40 फीसदी हिस्सा वेतन और गैर-विकास गतिविधियों पर खर्च होता है और बाकी का पैसा एथलीटों और बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च करने के लिए होता है.