इमरान सरकार के खिलाफ हुए सरकारी कर्मचारी, मिली आंसू गैस और लाठी

इमरान प्रशासन ने निहत्थे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ आतंकवादी विरोधी दस्ते को उतार दिया. नतीजतन सुरक्षा बलों ने न सिर्फ आंसू गैंस के गोले दागे, बल्कि कर्मचारियों पर लाठीचार्ज भी किया.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Pakistan

इमरान खान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे कर्मचारी.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

पाकिस्तान (Pakistan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कर्ज के मकड़जाल में बुरी तरह उलझे नए पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) के लिए बाहरी मोर्चों पर तो बेहिसाब चुनौतियां हैं ही, अब वह घर में भी चौतरफा घिर गए हैं. महंगाई से आवाम त्रस्त है. इस कड़ी में इस्लामाबाद में वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन पर उतरे सरकारी कर्मचारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गई. इससे बौखलाए प्रशासन ने निहत्थे सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ आतंकवादी विरोधी दस्ते को उतार दिया. नतीजतन सुरक्षा बलों ने न सिर्फ आंसू गैंस के गोले दागे, बल्कि कर्मचारियों पर लाठीचार्ज भी किया. किसी भी तरह के विरोध को कुचलने का मंत्र जानने वाली पाकिस्तान सरकार को हालांकि इस बार गहरा झटका लगा है. 

Advertisment

24 के बजाय 40 फीसदी मांग रहे वेतन वृद्धि
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सड़कों पर उतरे हजारों सरकारी कर्मचारियों ने इस्लामाबाद में कांस्टिट्यूशन एवेन्यू सहित सचिवालय ब्लॉक और कैबिनेट ब्लॉक के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. स्थिति तब बेकाबू हो गई जब आक्रोषित कर्मचारी शहर के अत्यधिक प्रतिबंधित 'रेड जोन' क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे. यह देख सुरक्षा बलों ने पहले पहल तो आंसू गैस के गोले दागे. हालात नियंत्रण में नहीं आते देख बाद में उन पर लाठीचार्ज कर दिया गया. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक संघीय कर्मचारी सरकार के 24 प्रतिशत बढ़ोतरी के बजाय वेतन में 40 प्रतिशत वृद्धि की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों के विरोध के कारण पुलिस ने कंटेनर के साथ शहर के श्रीनगर राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है. दर्जनों प्रदर्शनकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है.

यह भी पढ़ेंः  किसानों की मांग पर सरकार गंभीर नहीं, और तेज होगा आंदोलन

पंजाब-बलूचिस्तान के कर्मचारी भी हुए शामिल
बताते हैं कि कर्मचारियों के इस्लामाबाद की सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को इमरान सरकार ने देश की सुरक्षा से जोड़ दिया है. सूचना मंत्री शिबली फराज ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान रेड जोन की सुरक्षा और कर्मचारियों के आंदोलन पर बहुत चिंतित हैं. उन्होंने दावा किया कि इमरान खान ने संबंधित मंत्रालयों को कर्मचारियों के मुद्दों को तुरंत हल करने का निर्देश दिया है. सूत्रों के मुताबिक इस आंदोलन में पंजाब और बलूचिस्तान के सरकारी कर्मचारी भी शामिल हुए. बाद में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन की ओर मार्च शुरू किया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागते हुए लाठियां भांजी.

यह भी पढ़ेंः मंगोलपुरी में बजरंग दल के कार्यकर्ता की घर में घुसकर हत्या

हर पाकिस्तान गले तक कर्ज में डूबा
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार चाहकर भी अभी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ा सकती है. आर्थिक रूप से कंगाल हो चुके पाकिस्तान इस समय ऐसी स्थिति में नहीं है कि वह फिर से हजारों करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन पर अतिरिक्त खर्च कर सके. पाकिस्तान का कुल रोजकोषीय घाटा जीडीपी का 8.6 फीसदी तक पहुंच गया है. ऐसी स्थिति में इमरान सरकार इस घाटे को और बढ़ाना नहीं चाहती है. हर पाकिस्तानी के ऊपर अब 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है. इसमें इमरान खान की सरकार का योगदान 54901 रुपये है, जो कर्ज की कुल राशि का 46 फीसदी हिस्सा है. कर्ज का यह बोझ पाकिस्तानियों के ऊपर पिछले दो साल में बढ़ा है यानी जब इमरान ने पाकिस्तान की सत्ता संभाली थी तब देश के हर नागरिक के ऊपर 120099 रुपये का कर्ज था.

HIGHLIGHTS

  • आम पाकिस्तानी पर पिछले दो साल में बढ़ा है बेइंतहा कर्ज
  • सरकारी कर्मी मांग रहे 24 के बजाय 40 फीसदी वेतन वृद्धि
  • धरना-प्रदर्शन कर रहे मुलाजिमों पर आंसू गैस और लाठियां
सरकारी कर्मचारी आंसू गैस INDIA government employee Security Force Balochistan इमरान खान पंजाब punjab बलूचिस्तान Lathi charge लाठीचार्ज कर्ज विरोध-प्रदर्शन tear gas पाकिस्तान imran-khan pakistan महंगाई debt Islamabad Inflation वेतन वृद्धि
      
Advertisment