कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र के 75वें सत्र में हवा देने की कोशिश में पाकिस्तान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संयुक्त राष्ट्र के मंच पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ भारत-पाकिस्तान संघर्ष और कश्मीर से जुड़े मुद्दे पर प्रमुख ध्यान केंद्रित करने के लिए कमर कस रहे हैं.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Imran Khan

बाज नहीं आएंगे इमरान खान.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) के 75वें सत्र की सभी महत्वपूर्ण सामान्य बहस 22 सितंबर से वर्चुअल (ऑनलाइन) शुरू होगी, जिसमें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान भी हिस्सा लेंगे. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) न्यूयॉर्क की आम सभा में भाग लेंगे और 25 सितंबर को इसे संबोधित करेंगे. खान अफगान संवाद प्रक्रिया की शुरूआत के बारे में भी बात करेंगे.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः Exclusive: दिशा की पार्टी में फिल्म स्टार का बेटा, मंत्री का गार्ड था: चश्मदीद

भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर करेंगे चर्चा
उन्होंने कहा, विदेश मंत्री वर्चुअल तौर पर संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ मनाने पर महासभा की उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेंगे. कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संयुक्त राष्ट्र के मंच पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ भारत-पाकिस्तान संघर्ष और कश्मीर से जुड़े मुद्दे पर प्रमुख ध्यान केंद्रित करने के लिए कमर कस रहे हैं. दोनों देशों के बीच तभी से तनाव काफी बढ़ा हुआ है, जब से भारत ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त किया है.

यह भी पढ़ेंः प्रवासी मजदूरों को शहरों में बेहद सस्ते घर देगी मोदी सरकार 

कश्मीर रहेगा केंद्र बिंदु
सूत्रों ने यह भी कहा कि यूएनजीए में इमरान खान का संबोधन भारत व कश्मीर के मुद्दे पर केंद्रित होगा. इसमें कई महत्वपूर्ण चीजें शामिल होंगी, जिसमें एलओसी पर व्याप्त हालात, जम्मू-कश्मीर के लोगों पर भारत का चल रहा कथित अत्याचार, जम्मू-कश्मीर में बंद की स्थिति, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी कथित हिंदू वर्चस्ववादी विचारधारा को लेकर निशाना साधना, जिसमें मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक हाशिए पर चले गए आदि शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः मौत से पहले दिशा सालियान ने लगाया था 100 नंबर पर फोन, जानें क्या है सच

भारत को घेरने की फिर कोशिश करेंगे
खान जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बहाल करने, सभी कैदियों, विशेष रूप से नागरिक समाज के सदस्यों और पत्रकारों को रिहा करने, सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम, सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम और अन्य कानूनों को हटाने और स्वतंत्र मीडिया और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों की अनुमति देने का आह्वान करेंगे. खान संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से कश्मीर मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाने की अपील करेंगे और सदस्य देशों से कश्मीर विवाद पर पाकिस्तान के साथ नई दिल्ली की टेबल वार्ता पर भी जोर देंगे.

jammu-kashmir Atrocities जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान imran-khan इमरान खान pakistan indian-army
      
Advertisment