तिब्बती बौद्धों के खिलाफ चीन की कार्रवाई से आक्रोश, US ने जताई चिंता

अमेरिकी विदेश विभाग के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय ने चीनी अधिकारियों से तिब्बतियों के अपने विश्वास का स्वतंत्र रूप से अभ्यास करने के अधिकार का सम्मान करने का आग्रह किया है.

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Vijay Shankar
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Tibbati Bodh

Tibbati Bodh ( Photo Credit : File Photo)

चीन में कम्युनिस्ट सरकार द्वारा उइगर मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार लगातार जारी है. अब चीन की सरकार बौद्ध लोगों पर भी निशाना बना रही है. हाल ही में चीनी सरकार मस्जिदें तोड़ने के बाद बौद्धों के धर्म स्थलों को भी तोड़ने का काम कर रही है. चीनी सरकार द्वारा सिचुआन प्रांत (Sichuan Province) स्थित खाम ड्रैकगो में 99 फुट ऊंची बुद्ध प्रतिमा को ध्वस्त (Buddha Statue Demolished) करने के बाद एक बार फिर से कई प्रमुख देशों ने चीन को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है. बुद्ध प्रतिमा को तोड़े जाने के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने तिब्बती बौद्धों के खिलाफ चीन की कार्रवाई की रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की है. अमेरिका ने कहा है कि चीन द्वारा जातीय अल्पसंख्यक की परंपराओं को खत्म करने के अपने अभियान और बुद्ध की मूर्तियों को नष्ट करने को लेकर चिंता का विषय है. 

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अमेरिकी विदेश विभाग के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय, जो अमेरिकी विदेश नीति के मुख्य उद्देश्य के रूप में सभी के लिए धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के लिए सार्वभौमिक सम्मान को बढ़ावा देता है, ने चीनी अधिकारियों से तिब्बतियों के अपने विश्वास का स्वतंत्र रूप से अभ्यास करने के अधिकार का सम्मान करने का आग्रह किया है. अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय ने ट्विटर पर लिखा कि हम तिब्बती बौद्धों के खिलाफ पीआरसी की कार्रवाई को तेज करने की खबरों से बहुत परेशान हैं, जिसमें अधिकारियों ने बुद्ध की मूर्तियों को नष्ट करना, ड्रैकगो मठ के पास खड़े किए गए 45 विशाल प्रार्थना चक्रों को हटाना और प्रार्थना झंडे को जलाना शामिल है. हम पीआरसी अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे तिब्बतियों के अपने विश्वासों का स्वतंत्र रूप से अभ्यास करने के अधिकार का सम्मान करें. यह बयान चीन द्वारा पश्चिमी चीन के सिचुआन प्रांत में तिब्बतियों द्वारा प्रतिष्ठित एक दूसरी बौद्ध प्रतिमा को नष्ट करने की खबरों के बाद आया है. रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, कार्दज़े तिब्बती स्वायत्त प्रान्त में ड्रैगो काउंटी में गादेन नाम्याल लिंग मठ में मैत्रेय बुद्ध की तीन मंजिला मूर्ति के नष्ट होने की पुष्टि वाणिज्यिक उपग्रह इमेजरी के माध्यम से की गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने दावा किया कि सुरक्षा कारणों से प्रतिमा को तोड़ा गया है. बीजिंग पर लंबे समय से जातीय अल्पसंख्यकों पर नकेल कसने का आरोप लगाया जाता रहा है.

HIGHLIGHTS

  • चीन की सरकार बौद्ध लोगों पर भी बना रही है निशाना
  • 99 फुट ऊंची बुद्ध प्रतिमा को ध्वस्त करने को लेकर अमेरिका चिंतित
  •  चीनी अधिकारियों से कहा-तिब्बतियों के अधिकार का सम्मान करें 

 

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