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कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर जांच जारी रखने की फिर उठ रही मांग

अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फासी समेत कई अमेरिकी विशेषज्ञों नें कोरोना की उत्पत्ति की जांच को लेकर फिर से आवाज उठाई है.

Updated on: 26 May 2021, 10:43 AM

highlights

  • कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर फिर छिड़ी दुनिया भर में बहस
  • डॉ फासी ने जांच जारी रख चीन से पारदर्शिता बरतने को कहा
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन से एक बार फिर मदद की गुहार

वॉशिंगटन:

दुनिया में कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के प्रसार के साथ ही इस बात पर बहस शुरू हो गई थी कि यह प्राकृतिक है या इसे लैब में इंसानों ने बनाया? तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने इसके लिए चीन को शक के कठघरे में खड़ा करने में देर नहीं लगाई थी. उनके साथ कई देशों ने भी इसके लिए ड्रैगन की वुहान लैब पर अंगुलियां उठाई थीं. अब कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है. अमेरिकी विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फासी समेत कई अमेरिकी विशेषज्ञों नें कोरोना की उत्पत्ति की जांच को लेकर फिर से आवाज उठाई है.

उत्पत्ति पर नहीं सुलझी पहेली
कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति एक ऐसी पहेली है जो साल 2020 की शुरुआत से अब तक नहीं सुलझ पाई है. दुनिया में करोड़ों लोग इसके संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, जबकि कई लाख जिंदगियां कोरोना से हार चुकी हैं. फिर भी इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है कि आखिर कोरोना वायरस कहां पैदा हुआ ? इस अनसुलझे सवाल के बीच अमेरिकी विशेषज्ञों ने कोरोना की उत्पत्ति की जांच जारी रखने की बात कही है. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) से कोरोना की उत्पत्ति की दोबारा जांच की मांग की है. इसके साथ ही चीन से इस बार जांच में पारदर्शी रहने की बात भी कही गई है.

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डॉ फासी ने दिया जांच पर बल
अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ़. एंथनी फासी ने एक कार्यक्रम में कहा, 'हम दृढ़ता से महसूस करते हैं कि हमें इसको लेकर जांच जारी रखनी चाहिए और जांच के अगले चरण में जाना चाहिए जो डब्ल्यूएचओ ने किया है. उन्होंने कहा कि क्योंकि हम 100 फीसदी नहीं जानते हैं कि वायरस की उत्पत्ति क्या है, इसलिए यह जरूरी है कि हम देखें और इसकी जांच करें. व्हाइट हाउस के सीनियर एडवाइजर फॉर कोविड रिस्पॉन्स ऑन वायरस ऑरिजिन ने चीन को लेकर बय़ान दिया है. उन्होंने कहा कि हमें चीन से पारदर्शी प्रक्रिया की जरूरत है. हमें उस मामले में मदद करने के लिए डब्ल्यूएचओ की जरूरत है.

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वुहान लैब पर फिर उठा सवाल
गौरतलब है कि हाल ही में एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि दुनिया के सामने कोरोना महामारी उजागर होने के एक माह पहले ही इस प्रयोगशाला के तीन कर्मचारी न सिर्फ बीमार पड़े थे, बल्कि उन्होंने अस्पताल में इलाज भी कराया था. वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट में प्रयोगशाला के बीमार शोधकर्ताओं की संख्या, उनके बीमार पड़ने के समय और अस्पताल जाने से जुड़ी विस्तृत जानकारियां दी गई हैं. खास बात है कि यह अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की कोरोना उत्पत्ति पर अगले चरण की जांच संबंधी चर्चा को लेकर होने वाली बैठक के ठीक पहले आई. हालांकि चीन ने इस खुफिया रिपोर्ट को नकार दिया है.