नेपाल में एक बार फिर से केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री बनाने की तैयारी
अब तक माओवादी के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चला रहे ओली को अब नेपाल के संविधान के मुताबिक सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के नेता के रूप में प्रधानमंत्री पद पर शपथ ग्रहण कराने की तैयारी है.
highlights
- केपी शर्मा ओली फिर बनेंगे नेपाल के प्रधानमंत्री
- सोमवार को ही नेपाल संसद में खोया था विश्वासमत
- सुबह इस्तीफा देने के बाद शाम को पीएम के शपथ की तैयारी
नयी दिल्ली:
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (Nepal Ex PM KP Sharma Oli) को एक बार फिर से नेपाल का प्रधानमंत्री (Nepal PM) बनाने की तैयारी की जा रही है. अब तक माओवादी के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चला रहे ओली को अब नेपाल के संविधान के मुताबिक सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के नेता के रूप में प्रधानमंत्री पद पर शपथ ग्रहण कराने की तैयारी है. नेपाल के संविधान की धारा 76 की उपधारा 2 के मुताबिक गठबंधन की सरकार बनती है और यह फेल होने के बाद संविधान की धारा 76 की उपधारा 3 के मुताबिक सबसे बडी पार्टी के नेता को सरकार बनाने का प्रावधान है.
चूंकि ओली के विपक्ष में रहे गठबंधन के पास भी बहुमत के लिए आवश्यक 136 सांसदों का समर्थन नहीं है इसलिए राष्ट्रपति अब सरकार बनाने की अगली प्रक्रिया को आगे बढाएगी. इस समय नेपाल की संसद में सबसे बडी पार्टी के पी ओली नेतृत्व की पार्टी है जिसके पास कुल 120 सांसद हैं, जबकि नेपाली कांग्रेस के पास 61, माओवादी के पास 48 और जनता समाजवादी पार्टी के पास 32 सांसद हैं. कांग्रेस के नेता शेरबहादुर देउवा के नेतृत्व में गठबन्धन सरकार बनाने का दावा पेश किया है लेकिन इनके पास सिर्फ 124 सांसद ही पहुंच रहा है। जबकि बहुमत के लिए 136 सांसदों की जरूरत है.
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आपको बता दें कि इसके पहले सोमवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली संसद में विश्वास मत हार गए थे. जिसके बाद उन्हें नेपाल के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. सोमवार को नेपाल की संसद में किए गए विस्वासमत के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री को 232 में से महज 93 मत मिले थे. वहीं विपक्ष को टोटल 124 वोट मिले हैं. बता दें कि 15 संसद विश्वास मत प्रक्रिया में भाग ही नहीं लिये और मतदान की प्रकिया से अपने आप को अलग रखा. प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के सामने विपक्ष में नेपाल कांग्रेस और प्रचंड समूह के माओ कम्युनिस्ट एक साथ थे. ओली को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत थी.
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प्रतिनिधि सभा के विशेष सत्र में आज ओली ने औपचारिक रूप से विश्वास प्रस्ताव पेश किया और सभी सदस्यों से इसके पक्ष में मतदान करने की अपील की. बता दें कि पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' नीत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद ओली की सरकार अल्पमत में आ गई थी. इसके बाद उन्हें निचले सदन में बहुमत साबित करना था.
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