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पाकिस्तान यूं ही नहीं हुआ कंगाल, भाई लोगों ने दूतावास तक बेच दिया

पाकिस्तान (Pakistan) के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने जकार्ता में पाकिस्तानी दूतावास के एक भवन को 'गैरकानूनी' तरीके से बेचने के मामले में देश के विदेश मंत्रालय के कुछ अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज करने को मंजूरी दी है.

Updated on: 21 May 2020, 07:52 AM

highlights

  • जकार्ता औऱ टोक्यो में पाकिस्तान दूतावास के हिस्से को बेचा गया.
  • जांच में खुलासा दूतावास कर्मियों ने ही औने-पौने बेच दी जमीन.
  • एक संघीय मंत्री के खिलाफ भी हितों के टकराव की जांच शुरू.

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने जकार्ता में पाकिस्तानी दूतावास के एक भवन को 'गैरकानूनी' तरीके से बेचने के मामले में देश के विदेश मंत्रालय के कुछ अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज करने को मंजूरी दी है. इसके साथ ही, नैब ने धार्मिक मामलों के संघीय मंत्री नूर-उल-हक कादरी के खिलाफ राजधानी इस्लामाबाद (Islamabad) में अपने मंत्रालय के एक भवन को कथित रूप से अपने एक कारोबारी साझेदार को किराये पर देने के मामले में दर्ज शिकायत के सत्यापन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. नैब को ठीक इसी तरह की एक शिकायत जापान के टोक्यो से भी मिली है जहां पाकिस्तानी दूतावास के एक हिस्से को अवैध रूप से बेच दिया गया.

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मंत्री के खिलाफ भी जांच शुरू
'डॉन' ने मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र के हवाले से बताया कि कादरी के खिलाफ जांच प्रकिया शुरू करने का फैसला देश के भ्रष्टाचार रोधी निकाय नैब की कार्यकारी बोर्ड बैठक (ईबीएम) में लिया गया. बताया गया है कि कादरी के खिलाफ शिकायत उनके मंत्रालय के ही किसी व्यक्ति ने दर्ज कराई है. सूत्र ने कहा कि नैब का मानना है कि यह 'हितों के टकराव' का मामला है. नैब ने बैठक के बाद जारी एक रिलीज में बताया कि ईबीएम ने धार्मिक व सांप्रदायिक सौहार्द मामलों के मंत्रालय के कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सत्यापन की प्रक्रिया को शुरू करने को मंजूरी दी है.

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अफसरों ने बेच दिया दूतावास
इसके साथ ही नैब की बैठक में इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में पाकिस्तानी दूतावास भवन के एक हिस्से को कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से बेचे जाने पर विदेश मंत्रालय के कुछ अफसरों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज करने को मंजूरी दी. रिपोर्ट में कहा गया है कि नैब को इस आशय की सूचना मिली है कि विदेश मंत्रालय के संबंधित अफसरों को जकार्ता में मंत्रालय के एक भवन को नियमों का घोर उल्लंघन कर बेचे जाने की जानकारी थी लेकिन उन्होंने इस घपलेबाजी को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने ऐसा कर पाकिस्तान के सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया है.