logo-image

पाकिस्तान की तालिबान ने ही कर दी बेइज्जती, कहा- इमरान सरकार कठपुतली

तालिबान के एक प्रवक्ता ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधते हुए उन्हें 'कठपुतली बताया है, जिन्हें 'पाकिस्तान के लोगों ने नहीं चुना है'.

Updated on: 25 Sep 2021, 11:08 AM

highlights

  • अफगानिस्तान के मामलों में पाकिस्तान हस्तक्षेप नहीं करे
  • तालिबान के प्रवक्ता ने इमरान सरकार को बताया कठपुतली
  • तालिबान को सरकार में कोई भी विदेशी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं

काबुल:

तालिबान के एक प्रवक्ता ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधते हुए उन्हें 'कठपुतली बताया है, जिन्हें 'पाकिस्तान के लोगों ने नहीं चुना है'. फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रवक्ता ने एक साक्षात्कार में पाकिस्तान से अफगानिस्तान के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा है. तालिबान के प्रवक्ता के हवाले से नया दौर मीडिया ने ट्वीट किया, 'इमरान खान को 'चयनित' और 'कठपुतली' भी कहा जाता है. हम नहीं चाहते कि कोई हमारे मामलों में हस्तक्षेप करे, जैसे हम दूसरे देशों के मामलों में नहीं करते हैं.'

पाकिस्तान को बताया गहरे संकट में
इससे पहले बुधवार को एक इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा था कि अफगानिस्तान 'कठपुतली' सरकार के साथ नहीं टिक सकता. फ्राइडे टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि खान को जवाब देते हुए तालिबान के प्रवक्ता ने साक्षात्कार में कहा, 'आप इमरान खान के बारे में बात कर रहे हैं कि वह अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार चाहते हैं? पाकिस्तान खुद गहरे संकट में है और कई कठिनाइयों का सामना कर रहा है. इमरान खान खुद चुने नहीं गए हैं. वह पाकिस्तानी राष्ट्र की सहमति से प्रधानमंत्री नहीं बने हैं.' प्रवक्ता ने कहा, 'पाकिस्तान में लोग कह रहे हैं कि वर्तमान सरकार पाकिस्तानी सेना की कठपुतली है. पाकिस्तान की बड़ी और छोटी जातियों को समग्र मौलिक अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं. पाकिस्तान की सभी जातियां मौजूदा सरकार से खुश नहीं हैं. इसलिए वे इसे सेना की कठपुतली सरकार कहते हैं.'

यह भी पढ़ेंः  तालिबान बिल्कुल नहीं बदला, हाथ काटना जैसी क्रूर सजाएं रहेंगी जारी

तालिबान सरकार को लेकर कोई कुछ नहीं कहे
उन्होंने कहा, 'और काफी हद तक, वे सही हैं, क्योंकि यह एक वास्तविकता है. फिर भी एक अफगान के रूप में मुझे इमरान खान को कठपुतली कहने का कोई अधिकार नहीं है.' रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता ने आगे कहा, 'मैं उनके सरकारी मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू कर दूं या यह कहना शुरू कर दूं कि मुझे यह पाकिस्तानी सरकार पसंद नहीं है. वही हम दूसरों से चाहते हैं, यह कहना बंद कर दें कि वे इस अफगान सरकार को पसंद नहीं करते हैं और एक समावेशी सरकार चाहते हैं.' प्रवक्ता ने कहा, 'हमारी सरकार की व्यवस्था के बारे में किसी को कुछ नहीं कहना चाहिए कि यह मुल्ला की सरकार है या चरमपंथी सरकार है या पगड़ी पहने लोगों की सरकार है.' प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान अपनी सरकार प्रणाली में किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करते.

यह भी पढ़ेंः  कश्मीर पर फिर घिरे इमरान खान, UNGA में भारत ने सुनाई खरी-खरी

हर देश अपनी समस्याओं पर दे ध्यान
उन्होंने कहा, 'हर किसी को अपने देश पर ध्यान देना चाहिए और अपने लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए काम करना चाहिए. पाकिस्तान में बहुत सारी समस्याएं हैं, लेकिन हमने कभी उनके बारे में बात नहीं की है और न ही हमने इन समस्याओं के लिए पाकिस्तान को कोई सुझाव दिया है, क्योंकि हम उनकी संप्रभुता का सम्मान करते हैं. हम पाकिस्तान से भी वही सम्मान चाहते हैं.' रिपोर्ट के अनुसार प्रवक्ता ने साक्षात्कार में परोक्ष रूप से धमकी भी दी. उन्होंने कहा, 'जो लोग हमारा सम्मान करते हैं और नहीं चाहते कि उनके खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किया जाए, उनके खिलाफ इसका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. जो हमारी धरती पर दखल देना चाहते हैं, उनके लिए हमें भी उनकी जमीन पर दखल देने का अधिकार है.'