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नेपाल की संसद में विवादित नक्शा हुआ पास, भारत के इन हिस्सों को किया शामिल

नेपाल की संसद में शनिवार को संविधान संशोधन बिल पास हो गया है. अब इस हिमालयी राष्ट्र का नक्शा बदल गया है. नेपाल का नया नक्शा विवादित है.

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Deepak Pandey
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नेपाल संसद( Photo Credit : ANI)

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नेपाल (Nepal) की संसद में शनिवार को संविधान संशोधन बिल पास हो गया है. अब इस हिमालयी राष्ट्र का नक्शा बदल गया है. नेपाल का नया नक्शा विवादित है, जिसमें भारत के तीन क्षेत्र लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को भी शामिल किया गया है. 20 मई को भारत ने इसे खारिज करते हुए इसे अनुचित मानचित्र संबंधी दावा बताया था. नेपाल संसद में इस वोटिंग से दो दिन पहले 11 जून को भारत (India) के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने नक्शे से जुड़े सभी सवालों और काठमांडू से किसी भी प्रकार की बातचीत को दरकिनार करते हुए कहा था कि इस पर हम पहले ही अपनी स्थिति साफ कर चुके हैं और भारत के साथ नेपाल के सांस्कृतिक, सभ्यता और मैत्रीपूर्ण संबंधों का हवाला दिया है.

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आपको बता दें कि नेपाली संसद का विशेष सत्र शनिवार को शुरू हुआ, जिसमें सरकार द्वारा देश के राजनीतिक नक्शे को संशोधित करने से संबंधित महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई. इस नए नक्शे में भारतीय सीमा से लगे लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा जैसे रणनीतिक क्षेत्र पर दावा किया गया है.

संसद में प्रवक्ता रोजनाथ पांडेय ने कहा कि प्रतिनिधि सभा ने संशोधन विधेयक पर चर्चा की और चर्चा पूरी होने के बाद इस पर मतदान की कार्यवाही हुई. सूत्रों ने कहा कि विधेयक का अनुमोदन निश्चित है क्योंकि विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी- नेपाल ने नए नक्शे को शामिल कर राष्ट्रीय प्रतीक को अद्यतन करने के लिये संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक का समर्थन करने का फैसला किया है.

एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया था कि विधेयक को सर्वसम्मति से स्वीकार किया जाएगा. देश के 275 सदस्यों वाले निचले सदन में विधेयक को पारित करने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है. निचले सदन से पारित होने के बाद विधेयक को नेशनल असेंबली में भेजा जाएगा, जहां उसे एक बार फिर इसी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा. नेशनल असेंबली को विधेयक के प्रावधानों में संशोधन प्रस्ताव, अगर कोई हो तो, लाने के लिये सांसदों को 72 घंटे का वक्त देना होगा.

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नेशनल असेंबली से विधेयक के पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे संविधान में शामिल किया जाएगा. संसद ने नौ जून को आम सहमति से इस विधेयक के प्रस्ताव पर विचार करने पर सहमति जताई थी, जिससे नए नक्शे को मंजूर किए जाने का रास्ता साफ होगा. सरकार ने बुधवार को विशेषज्ञों की एक नौ सदस्यीय समिति बनाई थी जो इलाके से संबंधित ऐतिहासिक तथ्य और साक्ष्यों को जुटाएगी.

कूटनीतिज्ञों और विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए हालांकि कहा कि नक्शे को जब मंत्रिमंडल ने पहले ही मंजूर कर जारी कर दिया है तो फिर विशेषज्ञों के इस कार्यबल का गठन किस लिये किया गया? भारत और नेपाल के बीच रिश्तों में उस वक्त तनाव दिखा जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे को धारचुला से जोड़ने वाली रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया.

नेपाल ने इस सड़क के उद्घाटन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि यह सड़क नेपाली क्षेत्र से होकर गुजरती है. भारत ने नेपाल के दावों को खारिज करते हुए दोहराया कि यह सड़क पूरी तरह उसके भूभाग में स्थित है. नेपाल ने पिछले महीने देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी कर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन इलाकों पर अपना दावा बताया था.

भारत यह कहता रहा है कि यह तीन इलाके उसके हैं. काठमांडू द्वारा नया नक्शा जारी करने पर भारत ने नेपाल से कड़े शब्दों में कहा था कि वह क्षेत्रीय दावों को “कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर” पेश करने का प्रयास न करे। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस महीने के शुरू में कहा था कि उनकी सरकार कालापानी मुद्दे का समाधान ऐतिहासिक तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर कूटनीतक प्रयासों और बातचीत के जरिये चाहती है.

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