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Myanmar में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग, 18 मरे दर्जनों घायल

दक्षिणी तटीय शहर दावोई में सुरक्षा बलों की फायरिंग में कम से कम 18 लोकतंत्र (Democracy) समर्थक प्रदर्शनकारी मारे गए.

Updated on: 01 Mar 2021, 10:34 AM

highlights

  • दावोई में सुरक्षा बलों की फायरिंग में 18 लोकतंत्र समर्थक मारे गए
  • मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि अधिक घायल लोग आ रहे हैं
  • इस बीच भारत ने भी म्यांमार की घटना पर दुःख जाहिर किया है

यंगून:

म्यांमार (Myanmar) में तख्तापलट के बाद से लोकतंत्र की बहाली की मांग कर रहे लोगों का प्रदर्शन लगातार जारी है. इस बीच रविवार को दक्षिणी तटीय शहर दावोई में सुरक्षा बलों की फायरिंग में कम से कम 18 लोकतंत्र (Democracy) समर्थक प्रदर्शनकारी मारे गए. मेडिकल वॉलिन्टियर्स एवं मीडिया रिपोर्ट से इस आशय की जानकारी प्राप्त हुई है. हालांकि अनाधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि मरने वालों की संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है, क्योंकि जितने लोग इस फायरिंग में घायल हुए हैं, उनमें से अधिकांश को गोली लगी है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की घटना को पूरी तरह गलत बताते हुए सेना से बल प्रयोग न करने की अपील की है. 

सैन्य शासन लगातार बरत रहा है सख्ती
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते भी सैन्य शासन ने यांगून में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सशस्त्र बलों का सहारा लिया, जिन्होंने न केवल लाठियां भांजी, अपितु कई लोगों की पिटाई भी की. एक फरवरी को जब नव-निर्वाचित संसद की कार्यवाही प्रारंभ होने वाली थी तो उससे पहले ही सेना ने इसे अपदस्थ करके प्रशासन व शासन का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया. इसके बाद से ही बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं और देश में लोकतंत्र बहाली की मांग कर रहे हैं.

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लोगों का विरोध चढ़ रहा परवान
सैन्य शासन ने भले ही देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया हो, मगर लोकतंत्र की बहाली, स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची और उनकी एनएलडी पार्टी के नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे लोगों के बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन को रोकने में उसे नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं. एनएलडी पार्टी को पिछले साल नवंबर महीने के चुनावों में भारी जीत मिली थी. यांगून में अन्य जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने बांस से बनी ढालों के साथ खुद को बैरिकेड्स के पीछे तैनात किया. उन्होंने अपने बचाव के लिए गॉगल्स और फेस मास्क का भी इस्तेमाल किया क्योंकि पुलिस आंसू गैस के कनस्तर फेंक रही थी और सशस्त्र बल गुलेल से आयरन बॉल (लोहे की गेंद) चला रहे थे.

प्रदर्शनों से सैन्य जुंता में हताशा
यांगून में दो वरिष्ठ संपादकों ने बताया कि सैन्य शासन अब 'हताश हो रहा है'. गिरफ्तारी के डर से नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ संपादक ने कहा कि रबर बुलेट, आंसू गैस और पानी की बौछार के व्यापक उपयोग के बावजूद सैन्य शासन के प्रति निष्ठावान सैनिक और पुलिस इन विरोध-प्रदर्शनों को तोड़ने में विफल रहे हैं. यहां तक कि शस्त्रों के इस्तेमाल के बाद भी प्रदर्शनकारियों को नहीं रोका जा सका है. इसलिए अब हताशा के कारण भीड़ पर गोलियां चलाई जा रही हैं.

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रविवार को सुरक्षा बलों ने की अंधाधुंध
रविवार को यांगून और दावेई जैसे कई अन्य शहरों में भारी भीड़ देखी गई जहां सुरक्षा बलों ने अंधाधुंध गोलाबारी की. बचावकर्मी प्या जाव हीन और दावेई के दो स्थानीय पत्रकारों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को गोली मारी गई और कई अन्य घायल हो गए. हेन ने कहा कि उन घायलों में से कुछ के शरीर पर बुलेट के जख्म हैं, जबकि कई को रबर की गोलियां लगी हैं. उन्होंने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि अभी अधिक घायल लोग आ रहे हैं. स्थानीय मीडिया आउटलेट 'दावेई वॉच' ने इस खबर की पुष्टि की कि रविवार को हुई गोलीबारी में 18 लोगों की मौत हो गई.

पुलिस ने बगैर चेतावनी की फायरिंग
'मिजि़मा' के मुताबिक, यांगून के वाणिज्यिक केंद्र सहित देश में अन्य जगहों पर भी मौतों की अपुष्ट रिपोर्ट मिली है. यांगून शहर के अधिकारियों ने विरोध करने के उद्देश्य से इकट्ठा हो रही भीड़ को हटाने के लिए बल का इस्तेमाल किया, लेकिन परस्पर विरोधी खबरें आ रही थीं कि क्या सुरक्षा बलों ने भीड़ पर फायरिंग करने के लिए लाइव एम्यूनिशन (गोला बारूद) का इस्तेमाल किया अथवा नहीं. 29-वर्षीय प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका एमी क्यॉ ने कहा कि पुलिस ने आते ही फायरिंग शुरू कर दी. उन्होंने पहले कोई चेतावनी नहीं दी. भीड़ पर सीधे फायरिंग की जिससे कई लोग घायल हो गए. स्कूल के शिक्षक गिरफ्तारी के डर से छिप गए.

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भारत ने घटना पर जताया दुःख
इस बीच भारत ने भी म्यांमार की घटना पर दुःख जाहिर किया है. म्यांमार में भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि सभी संयम बरते और बातचीत के जरिए मुद्दे को सुलझाया जाना चाहिए. दूतावास की ओर से कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों की मौत दुखद घटना है. हम मृतकों के परिवारवालों और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. हम सभी से संयम बरतने और शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने का आग्रह करते हैं.