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पाकिस्तान: बलूचिस्तान में लोगों पर जारी है सरकार का जुल्मो सितम, महिला की हत्या से आक्रोश

अख्तर ने मलिकनाज नाम की महिला के संदर्भ में यह बात कही जिसकी बलूचिस्तान के तुरबत शहर की दानोक तहसील में बीते मंगलवार को हत्या कर दी गई और जिसकी चार साल की बच्ची ब्राम्श को गोली मार दी गई.

Updated on: 01 Jun 2020, 07:40 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक युवा महिला की कथित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी सदस्यों द्वारा की गई हत्या से बलूच अवाम में जबरदस्त गुस्से की लहर दौड़ गई है. बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (बीएनपी) के अध्यक्ष व प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री अख्तर मेंगल ने पाकिस्तान की न्यायपालिका पर यह कह कर प्रहार किया है कि इसने बलूचिस्तान में होने वाले अपराधों के लिए प्रांतीय सरकार को कठघरे में खड़ा करना बंद कर दिया है. अख्तर ने मलिकनाज नाम की महिला के संदर्भ में यह बात कही जिसकी बलूचिस्तान के तुरबत शहर की दानोक तहसील में बीते मंगलवार को हत्या कर दी गई और जिसकी चार साल की बच्ची ब्राम्श को गोली मार दी गई.

आरोप है कि यह जघन्य अपराध बलूचिस्तान में सत्तारूढ़ बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के मौत के दस्ते (डेथ स्कवॉयड) के सदस्यों द्वारा अंजाम दिया गया. साल 2018 में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू के कुछ सदस्यों द्वारा गठित बीएपी ने पाकिस्तान में 2018 के आम चुनाव में 19 सीटें जीती थीं और प्रांत में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. बीएपी ने कुछ अन्य दलों की मदद से प्रांत में सरकार बनाई जिसके मुखिया जाम कमाल खान हैं. यह पार्टी केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार का घटक है जिसके अगुवा प्रधानमंत्री इमरान खान हैं.

अख्तर पूर्व मुख्यमंत्री अताउल्ला मेंगल के बेटे हैं जो 1972 में प्रांत के मुख्यमंत्री बने थे. वह प्रांत के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मुख्यमंत्री थे. उनकी सरकार को तत्कालीन जुल्फिकार अली भुट्टो सरकार ने बर्खास्त कर दिया था और अताउल्ला को देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया था. 1997 में बीएनपी ने प्रांत में अख्तर मेंगल के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी. लेकिन, उनकी सरकार को भी केंद्र से मतभेद के बाद बर्खास्त कर दिया गया था.

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तभी से बीएनपी ने किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है. पार्टी शांतिपूर्ण तरीके से बलूचिस्तान के लिए अधिक स्वायत्तता की मांग करती रही है. अख्तर मेंगल ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान को टैग करते हुए ट्वीट किया, बलूचिस्तान में मासूम बच्चों, विद्यार्थियों, बुजुर्गो व महिलाओं की हत्या अपराध नहीं है. क्या कभी ब्राम्श और उसकी मां को इंसाफ मिलेगा? या फिर बलूच अवाम सत्ता प्रतिष्ठान के प्रॉक्सी के रहमोकरम पर ही रहेंगे?

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इस घटना ने विदेश में भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को आक्रोशित किया है. गिलगित-बाल्टिस्तान में मानवाधिकार हनन के मुद्दों को उठाने वाली संस्था वाशिंगटन स्थित गिलगित-बाल्टिस्तान नेशनल कांग्रेस निदेशक सेंग हसनन सेरिंग ने ट्वीट में कहा, मेरा दिल चार वर्षीय ब्राम्श के लिए शोकाकुल है. उसकी मां की सेना समर्थित आतंकियों ने हत्या कर दी. जख्मी ब्राम्श जब भी होश में आती है, अपनी मां के बारे में पूछती है. बेशर्म पाकिस्तानी, जो बलूच लोगों के समान अधिकार के बारे में परवाह नहीं करते और अमेरिका में नस्लीय बराबरी की बात करते हैं.