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Mohamed Muizzu( Photo Credit : Social Media)
मालदीव ने तीन महीने पहले ही भारत को आंखें दिखाईं और जब वह घुटनों पर आया तो भारत से ही मदद मांगने लगा. दरअसल, भारत और मालदीव के बीच हुए विवाद के बाद मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या न के बराबर हो गई. जिससे मालदीव को आर्थिक नुकसान होने लगा. अब मालदीव भारतीय पर्यटकों को फिर से बुलाने के लिए भारत की मदद मांग रहा है. दरअसल, भारतीय पर्यटकों को लुभाने के लिए मालदीव की एक प्रमुख पर्यटन संस्था ने घोषणा की है कि वह भारतीय शहरों में रोड शो का आयोजित करेगा.
क्योंकि भारतीय पर्यटकों की संख्या में लगातार हो रही गिरावट के बीच मालदीव एसोसिएशन आफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर आपरेटर्स (माटाटो) को काफी परेशानी हो रही है. अब ये संस्था दोनों देशों के बीच यात्रा और पर्यटन सहयोग को बढ़ाने के लिए भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर के साथ चर्चा करने पहुंचे.
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पीएम के ट्वीट के बाद मालदीव की बढ़ गई थीं मुश्किलें
बता दें कि छह जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से एक ट्वीट किया था. जिसमें पीएम मोदी ने लक्षद्वीप द्वीप की तस्वीरें और वीडियो शेयर किए थे. इसके बाद मालदीव के तीन अधिकारियों की ओर से सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं. इसके बाद भारत में मालदीव का विरोध शुरू हो गया था. इस विवाद के चलते कई मशहूर हस्तियों समेत सैकड़ों भारतीयों ने अपने मालदीव जाने की ट्रिप को कैंसिल कर दिया था.
भारतीय पर्यटकों से आबाद रहता था मालदीव
बता दें कि मालदीव में भारतीय पर्यटकों की भारी भीड़ लगती थी. आंकड़े बताते हैं कि पहले मालदीव में आने वाले भारतीय पर्यटक शीर्ष पर थे जो अब छठे स्थान पर आ गए हैं. मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 10 अप्रैल तक मालदीव आने वाले कुल 6,63,269 पर्यटकों में से चीन से सबसे अधिक 71,995 पर्यटक थे. जबकि इसके बाद ब्रिटेन, रूस, इटली, जर्मनी और भारत का स्थान रहा है.
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