10 Points में जानें मेजर जनरल कासिम सुलेमानी के बारे में, जिसे अमेरिका ने मार गिराया
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC-आईआरजीसी) कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए.
नई दिल्ली:
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC-आईआरजीसी) कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए. तेहरान स्थित प्रेस टीवी के मुताबिक, आईआरजीसी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि हमले में हशद शाबी या इराकी पॉपुलर मोबलाइजेशन फोर्सेज (PMF-पीएमएफ) के डिप्टी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस भी सुलेमानी के साथ मारे गए. बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट रोड पर उनके वाहन को निशाना बनाया गया.
- एक तरह से ईरान रिवॉलूशनरी गार्ड्स के मुखिया थे कासिम सुलेमानी और अमेरिकी फौजों के लिए सिरदर्द थे. ईरान ही नहीं बल्कि विदेशों में काम करने वाली यूनिट कद्स फोर्स का भी जिम्मा संभालते थे.
- कासिम ने अपनी पहचान अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन के रूप बनाई. अमेरिका और ईरान के बीच की लड़ाई में अमेरिका के लिए सुलेमान एक बड़ा रुकावट थे. 2006 में उत्तर-पश्चिमी ईरान में एक विमान दुर्घटना में उनके मारे जाने की अफवाह आई.
- 2012 में दमिश्क में एक हवाई हमले में सुलेमानी की मरने की अफवाह फैली थी. नवंबर 2015 में सीरिया में युद्ध के दौरान गंभीर रूप से घायल होने या फिर मारे जाने की अफवाह फैली थी.
- 1980 के दशक में ईरान और इराक के बीच खूनी जंग में सुलेमानी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसमें अमेरिका ने इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन का साथ दिया था. हालांकि, बाद में सद्दाम व अमेरिका के बीच रिश्ते काफी ज्यादा खराब हो गए थे.
- IS जैसे खूंखार आतंकी संगठन के मुकाबले सुलेमानी ने कुर्द लड़ाकों और शिया मिलिशिया को एकजुट करने का काम किया था.
- सुलेमानी के बढ़ते कद को लेकर अमेरिका नाराज था. अमेरिका नहीं चाहता था कि सुलेमानी अपनी जड़े दूसरे देशों में भी फैलाए. इसलिए अमेरिका ने सुलेमानी को मारने का प्लान तैयार किया.
- इराक में ईरान के समर्थन से तैयार पॉप्युलर मोबिलाइजेशन फोर्स को कासिम सुलेमानी ने ही तैयार किया था. सुलेमानी ने आतंकी संगठन हिजबुल्लाह व हमास को बी समर्थन दिया था.
- ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की कुद्स फ़ोर्स एक शाखा है. यह देश के बाहर के अभियानों को अंजाम देती है और इसके प्रमुख मेजर जनरल क़ासिम सुलेमानी सीधे तौर पर देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली ख़ामैनी के प्रति जवाबदेह थे.
- 2001 से 2006 के बीच में ब्रिटेन के विदेश मंत्री रहे जैक स्ट्रॉ ने कई बार ईरान का दौरा किया और उनका मानना था कि जनरल क़ासिम सुलेमानी की भूमिका महज़ एक सैन्य कमांडर से कहीं अधिक है.
- उनका कहना था कि, "सेना की ताक़त के साथ सुलेमानी मित्र देशों के लिए ईरान की विदेश नीति चला रहे हैं."
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