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अमेरिका की तालिबान को चेतावनी- कर दी ऐसी गलती तो भुगतना होगा परिणाम

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अफगानिस्तान के ताजा हालातों को लेकर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं.

Updated on: 20 Aug 2021, 11:56 PM

नई दिल्ली:

तालिबान ने बंदूक और ताकत के बल पर अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है. तालिबान के लड़ाके अब वहां खुलेआम लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं. यही वजह है कि दुनियाभर के देशों को अफगानिस्तान में रह रहे अपने नागरिकों की चिंता सता रही है. हालांकि भारत समेत अन्य कुछ देशों ने तालिबान कब्जे वाले अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को निकालने की प्रकिया शुरू कर दी है. वहीं, चीन और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने का संकेत दिया है, जबकि अमेरिका समेत कई बड़े देश इसके बिल्कुल खिलाफ हैं. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन अफगानिस्तान के ताजा हालातों को लेकर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं.

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि काबुल में हालात पूरी तरह से कंट्रोल में हैं. काबुल में हमारे छह हजार सैनिक मौजूद हैं, जो हालातों पर पैनी नजर रखे हुए हैं. बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान से अब तक 9 हजार से ज्यादा लोग अब तक एयरलिफ्ट किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि तालिबान को स्पष्ट चेतावनी दे दी गई है. महिलाओं और बच्चों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर तालिबानियों ने अमेरिकियों पर हमला किया तो करारा जवाब ​दिया जाएगा. इस संबंध में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के नेताओं से बात की गई है. बाइडेन ने यह भी कहा कि जो अमेरिकी अफगानिस्तान से घर आना चाहते हैं उन्हें लाया जाएगा और एयरलि​फ्ट कराने में देश के सभी संभव संसाधन अपनाए जाएंगे.

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि तालिबान पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाया जाएगा. अफगानिस्तान में नाटो के साथ फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों को भी एयरलिफ्ट किया जाएगा. इसके साथ ही शरणार्थियों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अभी हमारा मिशन पूरा हुआ है.  अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का मानना है कि इतिहास अफगानिस्तान में अमेरिकी अनुभव का आकलन करेगा. ऐसे समय में जब बमुश्किल से लगभग दो-तिहाई अमेरिकियों का कहना है कि उन्हें लगता है कि अफगानिस्तान युद्ध लड़ने लायक नहीं था, बाइडेन 11 सितंबर के हमलों के लगभग 20 साल बाद अफगानिस्तान से बाहर निकलने के अपने फैसले पर अडिग रहे.